पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं एनजीओ लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कहा कि टैक्सी चालकों, ट्रांसपोर्टरों, अन्य सभी प्रकार के हथकरघा, निजी व्यवसाय से जुड़े सभी समुदायों के लोग जो कोरोना काल में पीड़ित थे, उनके लिए कोई भी राहत पिछले 2 वर्षों से शासन व प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं हुई. इसलिए उन्हें सरकार के आगे धरना प्रदर्शन व अन्य अपने रोजगार को चलाने के लिए सरकारों को ज्ञापन देने के कार्य करने पड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा चिंता का विषय यह है कि जिन्होंने बैंकों से ऋण ले रखे थे वह उसकी किश्त की माफी तो सरकार ने नहीं की, लेतिन उल्टा बैंकों ने उनके नाम पर एक और ऋण स्थापित कर दिया. जिसके कारण अब स्थिति यह आ गई है कि एक तो जो लोन पहले अपने व्यवसाय हेतु बेरोजगारों ने लिया था उसकी भरपाई करना इस कोरोना काल में मुश्किल था. ऊपर से एक और ऋण उनके ऊपर थोप दिया अब बैंक दोनों ऋणों के भुगतान हेतु नोटिस जारी कर रहा है, जोकि बेरोजगारों टैक्सी चालकों, ट्रांसपोर्टरों के साथ अन्याय है.
तिलक राज ने कहा कि इस बारे पहले भी शासन व प्रशासन से मांग की गई है थी कि कम से कम जो ऋण व्यवसाय हेतु बैंकों से लिए गए थे उनकी करोना काल की किश्त माफी की जाए, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. साथ ही आगे अपने रोजगार को सुचारू कर सकें. तिलक राज ने कहा कि सरकार ने हजारों करोड़ रुपए कोरोना काल में जनता के लिए वितरित किया, लेकिन धरातलीय स्थिति आज आम जनमानस को जिसे अपने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. और बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
तिलक राज ने सरकार से मांग की है कि निजी व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों के लिए जो कोरोना काल में प्रभावित थे उनके लिए कुछ ना कुछ अर्थराहत दी जाए. नहीं तो आगे आने वाले समय में रोजगार की स्थिति बहुत विकट होने वाली है जोकि सरकारों के लिए कठिनतम स्थिति को उत्पन्न करने वाली होगी.