विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र वाले गांव मलाणा में ऋषि जमदग्नि (जमलू ऋषि) के आदेश पर शराबबंदी लागू हुई है। अब इस गांव में कोई भी ग्रामीण शराब, चीकन और अंडे का सेवन नहीं कर सकेगा। यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उसे 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। इतना ही नहीं उक्त व्यक्ति का हुक्का पानी भी बंद कर दिया जाएगा। देवता के आदेश पर पंचायत ने तुरंत इस फैसले को लागू कर दिया है। इस संबंध में गांव के बाहर बोर्ड भी लगा दिया गया है।
इसके अलावा गांव में कुल्लू जिला से बाहर का कोई भी व्यक्ति या मजदूर गांव में रात नहीं काट सकेगा। इससे पहले गांव में सैलानियों को किराये पर रखने, घरों का इस्तेमाल गेस्ट हाउस के रूप में करने पर पाबंदी थी, लेकिन मिस्त्री या अन्य मजदूर को कुछ समय से गांव में रखा जा रहा था। इस पर देवता ने नाराजगी जताई है। आदेशों की अवहेलना से नाराज होकर देवता ने पुजारी के माध्यम से अब यह नया कानून लागू किया है।
बता दें कि बीते कुछ साल से गांव बार-बार आगजनी की घटना को लेकर लोगों ने देवता जमलू के दरबार में अरदास की। देववाणी में गुरु ने आगजनी के पीछे का कारण लोगों में बढ़ता आधुनिकतावाद और शराब और मांस को बताया है। इसके सेवन से लोग अपने ऊपर संयम नहीं रख पा रहे हैं। इसके कारण देवता के स्थान से पवित्रता कम हो रही है।
देव आदेश अनुसार पंचायत में फैसला पास किया है कि मलाणा गांव के भीतर न कोई शराब पीएगा ना बेचेगा। ना ही मासांहार का प्रयोग करेगा। अगर कोई मांस या शराब का सेवन करता हुआ पाया गया तो पहली बार 10000 रुपये फाइन होगा। दूसरी बार उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा शराब या अंडा, मांस और मछली बेचता पकड़ा गया, उस पर 10000 का जुर्माना होगा।