मनाली की पहाड़ियों में स्की विलेज बनाने के प्रस्ताव को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी निरस्त कर दिया है। इससे फोर्ड कंपनी को बड़ा झटका लगा है। कुल्लू मनाली की जन जागरण विकास संस्था ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस योजना को निरस्त कर दिया है।
कुल्लू की जन जागरण विकास संस्था द्वारा इसे निरस्त करने के लिए 2012 में हाईकोर्ट में अपील की गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी संस्था द्वारा पेश किए गए तथ्यों के आधार पर 7 दिसम्बर 2017 को यह फैसला सुनाया। निजी कम्पनी द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को 19 मार्च 2004 को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2004 को एक एमओयू के आधार पर स्वीकृत प्रदान की गई। इसी के अनुसार 5 जून 2006 को कार्यन्वयन समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
जन जागरण विकास संस्था के प्रधान लाल चन्द कटोच ने बताया कि लंबे समय तक चली न्यायिक प्रक्रिया चलने के बाद उच्च न्यायालय के डबल बेंच ने 7 दिसंबर 2017 को कंपनी के केस को निरस्त कर दिया। यह निर्णय संस्था की बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे पर्यावरण, स्थानीय लोगों की आजीविका और अधिकारों का बचाव हुआ।
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बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर 3500 करोड़ व्यय करने का प्रावधान था। इस परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 2500 बीघा भूमि 99 वर्ष के लीज पर दी जानी थी। इस परियोजना के अंर्तगत 8000 फुट से 13500 फुट की ऊंचाई के मध्य 673 कमरों के होटल, 485 सूट, 130 शैलट और गंडोला, ऐयर लिफ्ट तथा स्की स्लोप आदि बनाए जाने थे।