2022 के विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल कांग्रेस में राजनीति गर्माने लगी है। मौजूदा वक़्त में 2022 के लिए हिमाचल कांग्रेस के पास कोई नेतृत्व करने वाला चेहरा नहीं रहा। हालांकि कई वरिष्ठ नेता पार्टी के पास प्रदेश में हैं लेकिन अब सब खुद ऊपर रखने की फिराक में है।
ऐसे में मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ख़बर है कि कांग्रेस नेता अपने अपने स्तर पर दिल्ली में राजनीतिक करियर चमकाने और प्रदेश में संगठन स्तर पर बदलाव के लिए डटे हैं। दावा है कि कांग्रेस के कई नेता विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में व्यापक स्तर पर फेरबदल चाह रहे हैं। ऐसे में उनके द्वारा दिल्ली की दौड़ लगाकर पार्टी नेताओं के समक्ष अपना पक्ष रखा जा रहा है। इन नेताओं में 10 जीते हुए विधायकों के दिल्ली में डटे होने की ख़बर है जिन्होंने प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात भी कर ली है।
अब इसको लेकर प्रदेश में भी राजनीति उबाल खाने लगी है और कांग्रेस के बाकी नेताओं में भी खलबली मची हुई है। यहां तक कि कुछ मीडिया सूत्रों का ये भी कहना है कि दिल्ली में की गई मुलाकात की रणनीति धर्मशाला शीतकालीन सत्र के दौरान बन गई थी। इसके साथ ही प्रदेश सह प्रभारी संजय दत्त के समक्ष भी धर्मशाला में विधायकों ने अपना पक्ष रखा था। इसके बाद अब प्रदेश प्रभारी से मुलाकात कर विधायकों ने अपना पक्ष रखा है।
ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में कांग्रेस में क्या समीकरण उभर कर सामने आते हैं। चूंकि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं तो ऐसे में कांग्रेस की जीत तभी पक्की हो पाएगी जब पार्टी एकजुटता से चलेगी। अगर अभी से पार्टी के अंदर खाने कई धड़े हो चुके हैं तो चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए मुश्किल भरा रहेगा। क्योंकि अब प्रदेश में कांग्रेस शायद कोई ऐसा नेता भी नहीं जो सभी को एक साथ लेकर चल सके।