लुधियाना की जिला कोर्ट में ब्लास्ट मामले को लेकर डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि हमने 24 घंटे में केस सुलझा लिया है। हमे शुरू से ही शक था कि मरने वाला ही विस्फोटक लाया था। डीजीपी ने बताया कि ब्लास्ट केस के आरोपी का जिला कोर्ट में ट्रायल चल रहा था।
डीजीपी चट्टोपाध्याय ने बताया कि, “लुधियाना ब्लास्ट एक पावरफुल ब्लास्ट था। मौके से हमे कई लीड मिले। मोबाईल फोन, सिम कार्ड और मृतक के हाथ पर हमें टैटू मिला। वहीं मौके का जायज़ा करके हमें लगा कि मृतक ही विस्फोटक लाया था। जांच में ये बाक पुख्ता हो गई। यही आरोपी था जिसने ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था। आरोपी बर्खास्त हवलदार था।”
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बताया कि , ”लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट केस में मारा गया व्यक्ति पूर्व पुलिसकर्मी गगनदीप सिंह था वहीं विस्फोटक कोर्ट में लाया था।” डीजीपी ने आगे कहा कि एसटीएफ ने गगनदीप को 2019 में 385 ग्राम ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। उसने ड्रग-तस्करी के मामले में गिरफ्तारी के बाद दो साल जेल में बिताए थे। जेल में खलिस्तान और नार्को नेट्वर्क से गगनदीप के तार जुड़े थे। डीजीपी ने कहा कि इस संबंध में कई सुराग मिले हैं। फिलहाल जांच जारी है।