शिमला नगर नगर निगम की मासिक बैठक में मनोनीत पार्षदों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बैठक में कांग्रेस पार्षद शारदा चौहान ने नगर निगम पर उनके काम न करने और मनोनीत पार्षद के काम करने के आरोप लगाए। इस पर भाजपा पार्षद भड़क गए और सदन में हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस के पार्षद सदन के बीच आ कर बैठ गए। कांग्रेस ने भाजपा शासित नगर निगम पर कांग्रेस के पार्षदों की अनदेखी के आरोप लगाए। सदन में करीब 20 मिनट तक हंगामा चलता रहा वहीं हंगामा देख महापौर ने सदन स्थगित कर दिया।
कांग्रेस की पार्षद शारदा चौहान में कहा कि वह पिछले काफी समय से वार्ड में कामों को लेकर टेंडर दे रही हैं लेकिन उनके कामों को दबाने का काम किया जा रहा है जबकि मनोनीत पार्षद के बाद के टेंडर पास किये जा रहे हैं। नगर निगम उनके साथ भेदभाव कर रहा है, जबकि वे चुनकर आए हैं बावजूद इसके उनके कामों को तरजीह नहीं दी जाती है।
उन्होंने साफ कर दिया कि यदि उनके साथ इस तरह का भेदभाव खत्म नहीं किया जाता तो वे सदन में धरने में बैठी रहेगी और सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। कांग्रेस पार्षद शारदा अपने संबंधित वार्ड क्षेत्र का मामला सदन में उठाया तो महापौर उसका जवाब देने के बजाय सदन छोड़कर चली गई है जिसके चलते कांग्रेस के सभी पार्षद धरने पर बैठ गए हैं।
नगर निगम के महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि मनोनीत पार्षद को सरकार ने मनोनीत किया है और उनका भी पूरा अधिकार है। वह कहीं भी कार्य करवा सकते हैं। कांग्रेस के पार्षद बेवजह आरोप लगा रहे हैं और सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे। जब तक माहौल शान्त नहीं होता तब तक सदन की कार्रवाई नहीं चलेगी।