हिमाचल हाईकोर्ट ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट भर्ती में हेराफेरी लेकर दर्ज हुए मामले में कड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने हाल में हुए 1421 पदों पर भर्ती को लेकर राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को नोटिस जारी कर 24 जनवरी तक जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के नाम लिखे एक पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किए।
प्रार्थी ने लगाए गंभीर आरोप
भर्ती को लेकर प्रार्थी ने लगाए आरोप लगाए है कि इन पदों को भरने के लिए शैक्षणिक योग्यता जमा दो और किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्था से कंप्यूटर की डिग्री या डिप्लोमा रखा गया था। प्रार्थी का यह आरोप है कि परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद पात्रता की शर्तों को दरकिनार करते हुए अपात्र अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया। इन पदों के लिए परीक्षा लेने के बाद 15 सितंबर 2017 का परिणाम निकाला गया था।
एक कंप्यूटर की दुकान से प्रमाणपत्र हासिल करने वालों को भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पद पर नियुक्त किया गया। प्रार्थी ने इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए जाने बाबत हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। प्रार्थी का यह भी आरोप है कि इन पदों को भरने के लिए साक्षात्कार में भी हेराफेरी की गई।
चहेतों को इंटरव्यू में दिए अधिक अंक
अपने चहेतों को साक्षात्कार में अधिक अंक देते हुए उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की गई। प्रार्थी के अनुसार भारत सरकार ने साक्षात्कार में होने वाली हेराफेरी को रोकने और योग्य लोगों को नियुक्त करने के उद्देश्य से 15 अगस्त 2016 को यह निर्णय लिया था कि तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों को भरने के लिए साक्षात्कार नहीं रखा जाएगा फिर भी साक्षात्कारों का आयोजन कर सीधे तौर पर दर्शाता है कि अपने चहेतों को साक्षात्कार के माध्यम से इन पदों पर नियुक्त किया गया। मामले पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।