हिमाचल में जहां सरकार धर्मशाला में विकास को प्रदेश के लिए नई पॉलिसी और मापदंड तैयार कर रही है वहीं धर्मशाला में वीरवार को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पुस्तकालय धर्मशाला में आने वाले बच्चों का अव्यवस्थाओं को लेकर गुस्सा फूट पड़ा और किताबें लेकर सड़क पर पढ़ने बैठ गए।
धर्मशाला में सरकार की उपस्थिति को देखते हुए आनन-फानन में जिला प्रशासन की ओर से ए.डी.एम. मस्तराम भारद्वाज के साथ उपनिदेशक उच्च शिक्षा के.के. शर्मा सहित अन्य शिक्षा अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद विद्यार्थी सड़क पर ही बैठे रहे और समस्याओं के हल करने की मांग करते रहे।
लाइब्रेरियन की लग गई क्लास
जब विद्यार्थी रोष व्यक्त करने के लिए सड़क पर बैठे थे तो उसी समय एजुकेशन सैक्रेटरी अरुण शर्मा भी उक्त मार्ग से गुजर रहे थे। विद्यार्थियों को इस तरह सड़क पर बैठे देखकर वह हक्के-बक्के रह गए। मामले की जानकारी के लिए उन्होंने स्वयं पुस्तकालय का दौरा किया और अव्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिला पुस्तकालय में अव्यवस्थाओं पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया देकर लाइब्रेरियन की ही क्लास लगा दी। उन्होंने लाइब्रेरियन को हिदायत दी कि पुस्तकालय में अव्यवस्थाओं को दूर कर पढऩे लायक माहौल बनाया जाए। इस मामले में स्वयं एजुकेशन सैक्रेटरी को ही विद्यार्थियों के साथ बातचीत करनी पड़ी और उनके आश्वासन के बाद ही विद्यार्थी सड़क से उठे।
स्वीपर को अपनी जेब से पैसे देते हैं विद्यार्थी
पुस्तकालय में परीक्षाओं की तैयारी में जुटे अजय, शैल्जा, विनोद, सुरजीत, काजल, सोनम, मुनीष, आकाश पठानिया, अमित सिंह व प्रीतम शर्मा आदि ने बताया कि पुस्तकालय के शौचालय की हालत बद से बदतर है। विद्यार्थियों का कहना है कि शौचालय की साफ-सफाई के लिए जो कर्मी रखा गया है उसे भी वे अपनी ही जेब से 20-20 रुपए देते हैं।
समस्याओं को जल्द किया जाएगा हल
एजुकेशन सैक्रेटरी अरुण शर्मा का कहना है कि कुछ समस्याएं एकदम हल होने वाली नहीं हैं और बाकी समस्याओं को जल्द हल किया जाएगा। इसके परिणाम 2-4 दिन में ही देखने को मिलेंगे। जिला पुस्तकालय अध्यक्ष कांति सूद कहते हैं कि जिला पुस्तकालय में स्टाफ की कमी चल रही है, पुस्तकालय में पढऩे आने वाले सभी पाठकों को हर सुविधा मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।