जीएसटी काउंसिल ने कपड़ों पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को फिलहाल टाल दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बढ़ोतरी को फिलहाल टालने का फैसला किया गया. हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम सिंह ने यह जानकारी दी. फरवरी में होने वाली अगली बैठक में इसकी समीक्षा की जा सकती है.
इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि काउंसिल इस बढ़ोतरी को फिलहाल टाल सकता है. एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी की योजना थी. राज्य सरकारों से लेकर इन क्षेत्रों स जुड़े उद्योग और कारोबारी इसका विरोध कर रहे थे. काउंसिल की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में जूतों एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था.
सीतारमण के साथ गुरुवार को हुई बजट-पूर्व बैठक में भी कई राज्यों ने इस मुद्दे को उठाया था. गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इसका विरोध किया था. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक में कहा कि इससे पूरे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा. यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल पर पांच फीसदी ही जीएसटी लगना चाहिए.
इस बीच कैट ने इस फैसले को टाले जाने का स्वागत किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इससे देश के लाखों कपडा एवं फुटवियर व्यापारियों को राहत मिलेगी जो पिछले एक महीने से ज्यादा समय से बेहद तनाव की जिंदगी जी रहे थे. खंडेलवाल ने यह भी कहा कि कपडे की तरह फुटवियर पर भी जीएसटी दर बढ़ाने के निर्णय को स्थगित करना भी आवश्यक है.