नया साल आ गया है और नए साल के साथ नए बदलाव आने ज़ाहिर हैं. नये साल के पहले महीने से ही आपको कई बदलाव देखने को मिल जाएंगे. जनवरी, 2021 की पहली तारीख से ही कई तरह के बदलाव हो रहे हैं, जो सीधा आपकी जेब पर असर डालेंगे. सबसे बड़ी बात तो एटीएम से कैश निकालने पर विदड्रॉल चार्ज बढ़ाया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को कैश विदड्रॉल चार्ज बढ़ाने की अनुमति दी है, जिसके बाद कई प्राइवेट बैंकों सहित इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने भी अपने विदड्रॉल चार्ज में बढ़ोतरी की है जो 1 जनवरी, 2022 से लागू हो रहे हैं.
1 जनवरी, 2022 से महीने की लिमिट से ज्यादा बार ट्रांजैक्शन करने पर अब ग्राहकों को हर ट्रांजैक्शन पर 20 रुपये नहीं 21 रुपये देने होंगे. तीन प्राइवेट बैंकों ने भी ट्रांजैक्शन के नियमों में बदलाव किया है. ICICI बैंक के नए नियमों के मुताबिक पहले पांच ट्रांजैक्शन फ्री होंगे, जबकि इसके बाद के हर ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये फीस ली जाएगी. हर वित्तीय लेनदेन पर फीस 21 रुपये होगी जबकि गैर वित्तीय लेनदेन पर ये फीस हर बार 8 रुपये 50 पैसे होगी.
– HDFC ने शहरों के अनुसार अलग-अलग नियम तय किए हैं. मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए शुरुआती तीन लेन-देन फ्री है. इसके बाद फ्री लिमिट से ज्यादा लेनदेन करने पर प्रति लेनदेन 21 रुपये प्लस टैक्स देना होगा.
– Axis बैंक का नियम भी कुछ ऐसा ही है. एक्सिस बैंक ने फ्री लिमिट के बाद रुपये निकालने पर 20 रुपये प्लस टैक्स का प्रावधान रखा है. वित्तीय लेनदेन पर 5 फ्री लिमिट के बाद ये फीस लागू होगी. गैर वित्तीय लेनदेन के लिए दस रुपये फीस तय की गई है.
IPPB ने भी बढ़ाए चार्ज
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने भी अपने ट्रांजैक्शन नियमों में बदलाव का फैसला किया है. जिसके बाद इस बैंक से सिर्फ 4 ट्रांजैक्शन ही फ्री किए जा सकेंगे. चार के बाद सभी ट्रांजैक्शन पर फीस अदा करनी होगी. हो सकता है ट्रांजैक्शन करने वाले को 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन जमा करने पड़े.
GSTR-1 फाइलिंग के लिए GST भरना जरूरी
जीएसटी परिषद की घोषणा है कि जो भी कारोबारी अपना मासिक जीएसटी रिटर्न या समरी रिटर्न नहीं भरते हैं, उन्हें 1 जनवरी, 2022 से GSTR-1 सेल्स रिटर्न नहीं भरने दिया जाएगा.
बैंक लॉकर से जुड़े नियम हुए सख्त
रिजर्व बैंक ने इस साल अगस्त में बैंक लॉकर से जुड़े नियमों को सख्त किया था. नए दिशानिर्देशों के तहत आग लगने की घटना, चोरी, इमारत ढहने तथा बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी के मामलों में लॉकर को लेकर बैंक का दायित्व उसके सालाना किराये के 100 गुना तक सीमित रहेगा. लॉकरों के बारे में संशोधित दिशानिर्देश 1 जनवरी, 2022 से लागू हो रहे हैं. बैंकों को लॉकर करार में एक प्रावधान शामिल करना होगा जिसमें तहत लॉकर किराये पर लेने वाला व्यक्ति उसमें कोई भी गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रख सकेगा.