पहले से ही घाटे में चल रही प्रदेश सरकार की मुश्किलें 2022 में और बढ़ सकती हैं। जून 2022 के बाद केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली जीएसटी राहत बंद हो सकती हैं। आपको बता दें कि समूचे देश में जीएसटी लागू करने के बाद राज्य सरकारों को इस कानून से होने वाले घाटे की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार जीएसटी राहत दे रहा था। अब केंद्र इस राहत को जून से देना बंद कर सकता है।
प्रदेश को इस साल 7,000 करोड़ रुपये का जीएसटी इकट्ठा करना है। अगर इसमें कोई कमी रहती है तो केंद्र सरकार उसे पूरा करेगी। अभी तक प्रदेश ने 4,500 करोड़ का जीएसटी जुटा लिया है। बाकी के 3,500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। पर जून 2022 से ये राहत मिलना बंद हो जाएगी।
राजस्व घाटा अनुदान भी होगा कम
जीएसटी राहत के साथ-साथ केंद्र सरकार की तरफ से आने वाले राजस्व घाटा अनुदान भी कम होने जा रहा है। 15 केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर ये कटौती की जाएगी। 2021 में राजस्व घाटा अनुदान में 1,1000 करोड़ की कटोती की गई थी। 2022 में अनुदान में 2,000 करोड़ से अधिक की कमी की जा सकता है। कम शब्दों में कहें, तो प्रदेश की वित्तीय हालत और ज्यादा बिगड़ सकती है।
यही कारण है कि हाल में ही हुई बजट विचार बैठक में मुख्यमंत्री ने जीएसटी राहत को अगले तीन सालों तक बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदेश में बड़े निवेश करने की सिफारिश की थी ताकि प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके।