श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने आज अपने शिष्य यति सत्यदेवानंद सरस्वती के साथ 4, 5 और 6 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में होने वाली धर्म संसद की सफलता के लिए रविवार को शिमला का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां के नागरिकों से सहायता मांगी और प्रेस क्लब में पत्रकारों को सम्बोधित किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि दुनिया में हिन्दुओं को भी जिंदा रहने का उतना ही अधिकार है जितना किसी दूसरे को है। आज हर तरह से हमारी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं पर आघात किया जा रहा है।
कहीं हमारे मठ मन्दिर तोड़े जा रहे हैं, कहीं हमारे संत महात्माओं की हत्या हो रही है, हमारी बहन बेटियों को लव जिहाद करके बर्बाद किया जा रहा है, हमारी धार्मिक आस्था की प्रतीक गौ माता को कत्ल किया जा रहा है। हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारे पास अपना कोई देश नहीं है जहां हम अपनी आस्थाओं और धार्मिक मान्यताओं के साथ ससम्मान जीवित रह सके। स्थिति ये है कि आज भारत में हिन्दू जनसंख्या अनुपात लगातार घटता जा रहा है और मुस्लिम जनसंख्या अनुपात लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने साथ में जोर देकर पहाड़ियों से कहा कि हिन्दुओं को कुछ भी करके अपनी जनसंख्या को कम नहीं होने देना चाहिए। इसलिए ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें।
आज घटते हुए हिन्दू जनसंख्या अनुपात ने तय कर दिया है कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होगा। अगर ऐसा हुआ तो केवल अगले बीस वर्षों में 40 प्रतिशत हिन्दुओं का कत्ल हो जाएगा। 50 प्रतिशत हिन्दू धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बन जायेंगे और बचे हुए 10 प्रतिशत हिन्दू या तो शरणार्थी शिविर में रहेंगे या विदेशों में रहेंगे जो कि धीरे धीरे समाप्त हो जाएंगे। भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होने का अर्थ अपनी अंतिम शरणस्थली में सनातन का सम्पूर्ण विनाश होगा। इस समस्या पर विचार करके इसका समाधान खोजने के लिए ही यह धर्म संसद आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि धर्म संसद में सम्पूर्ण देश से सौ से ज्यादा हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि और धर्मगुरु भाग लेंगे। प्रेस वार्ता में यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा कि आज हिन्दू समाज अपने धर्म को ना जानने के कारण इस दुर्गति को प्राप्त हुआ है। अगर हिन्दू समाज को अपने अस्तित्व को बचाना है तो अपने धर्म को समझ कर संघर्ष करना पड़ेगा। अगर हिन्दू समाज अब भी संघर्ष नहीं करेगा तो कोई भी देवता या अवतार अब हिन्दू को बचा नहीं सकता। अब हिन्दू को अपने बच्चों के भविष्य को नेताओ के भरोसे पर न छोड़कर स्वयं प्रयास करना पड़ेगा।