मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को संजौली-ढली बाईपास के समीप 18 करोड़ रुपये की लागत से बने हेलीपोर्ट का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ने स्वदेश दर्शन कार्यक्रम के हिमालयन सर्किट के अंतर्गत 12.13 करोड़ रुपये और केन्द्र सरकार की उड़ान-2 योजना के तहत 6 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इस हेलीपोर्ट से न केवल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी बल्कि आईजीएमसी के समीप होने से इसका उपयोग आपातकालीन सेवाओं में भी प्रभावी रूप से किया जा सकेगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तीन मंजिला हेलीपोर्ट में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं जैसे रिसेप्शन काउंटर, हेलीपोर्ट प्रबंधक कार्यालय, टिकट काउंटर और वीआईपी लाउंज आदि शामिल हैं। हेलीपोर्ट में यात्रियों के आगमन के लिए पोराटा केबिन की सुविधा, 50 वाहनों के लिए पार्किंग, हेलीकॉप्टर के लिए डेक और सेफ्टी नेट भी हैं। यह हेलीपोर्ट 10.3 बीघा भूमि के क्षेत्र में फैला है और भिति चित्रों द्वारा इसका सौन्दर्यीकरण किया गया है। यह हेलीपोर्ट सीसीटीवी/निगरानी तंत्र से पूर्ण रूप से युक्त है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उड़ान-2 योजना के तहत बद्दी, रामपुर तथा मंडी में भी हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश सरकार केन्द्रीय पयर्टन तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय को रिकांगपिओ, चम्बा, डलहौजी, जंजैहली, ज्वालाजी आदि में नए हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए शीघ्र प्रस्ताव भेजेगी जिससे इन क्षेत्रों में पयर्टन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में मुख्य पयर्टन गंतव्यों से जुड़े राष्ट्रीय उच्च मार्गों की फोर लेनिंग के साथ-साथ हवाई यातायात सुविधा पर विशेष बल दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 64 हेलीपेड हैं तथा प्रदेश सरकार द्वारा 38 नए हेलीपेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट तथा हेलीपेड निकट भविष्य में पयर्टन, कनेक्टिीविटी तथा आपातकालीन परिपेक्ष्य से लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इससे राहत एवं बचाव कार्यों के दौरान तथा आपातकालीन स्थिति में रोगियों को बड़े अस्पतालों में ले जाने में भी सहायता मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में हेलीपोर्ट पयर्टन तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में वरदान सिद्ध होंगे।