मंडी के सलापड़ में शराब कांड मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर भी अब इस मामले में कूद गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से ब्यान जारी करते हुए कहा कि यह कांड बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है जिसमें सलापड़ और कांगू क्षेत्र के सात लोगों को मौत की नींद सुला दिया है जबकि अभी भी कुछ लोग अस्पतालों में हैं।
उन्होंने कहा कि जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके अनुसार इस शराब में मिथाइल, अल्कोहल और यूरिया खाद जैसे तत्वों की मिलावट पाई गई है जो बेहद खतरनाक है। मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी में इस तरह की घटना पहली बार हुई है मगर सरकार फिर भी इसमें कोई खास कार्रवाई नहीं कर रही है।
कौल सिंह ने सरकार से सवाल किया है कि वह बताए कि यह धंधा कब से चल रहा है। कौल सिंह ने आरोप लगाया कि जो लोग पकड़े गए हैं वह तो केवल छोटी मछलियां हैं, वह तो केवल लोगों को शराब सप्लाई करते थे जबकि बड़े मगरमच्छ जो इस तरह की शराब बनाते व थोक में बाहर ला रहे हैं वह तो बाहर हैं। बाहर इस कारण से हैं क्योंकि उन्हें राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त है और वह राजनीतिज्ञों की गाड़ियों में घूमते हैं। ऐसे लोगों पर हाथ क्यों नहीं डाला जा रहा है।
हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराई जाए जांच
कौल सिंह ने कहा कि यह जो सरकार ने एसआईटी बनाई है इससे कुछ नहीं होने वाला है। इस मामले की जांच तो हाई कोर्ट के सिटिंग जज से होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाए। कौल सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। प्रदेश में जब गुडिया और होशियार सिंह कांड हुआ था तो भाजपा ने इसे आधार बनाकर खूब शोर मचाया था।
आज प्रदेश में जयराम ठाकुर सरकार को बने हुए चार साल हो गए मगर क्या होशियार सिंह वन रक्षक के परिजनों को न्याय मिला। क्या जिस वन माफिया के कारण होशियार सिंह की जान गई उसके खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई की। उन्होंने दोहराया कि सुंदरनगर सलापड़ कांगू जहरीली शराब कांड की जांच प्रदेश उच्च न्यायालय के मौजूद न्यायधीश से करवाई जाए।