लाहौल स्पीति: मौसम खुलने के बाद लाहौल घाटी में हिमस्खलन का क्रम जारी है। तिंदी के पास के कड़ूनाला के पास हिमस्खलन गिरने से तांदी-संसारीनाला-जम्मू मार्ग कई घंटे तक ठप रहा।
बुधवार रात को पांगी घाटी के श्योर से करीब 10 किमी पीछे लाहौल घाटी के तिंदी की तरफ हिमस्खलन होने से यह मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया था। अटल टनल रोहतांग बनने से पहले सर्दियों में लाहौल के लोगों में इस मार्ग की खास अहमियत थी।
भारी बर्फबारी के चलते समुद्रतल से 13050 फीट ऊंचा रोहतांग दर्रा यातायात के लिए पांच से 6 महीने तक बंद हो जाता था। लोग आपात स्थिति में तांदी-संसारीनाला-जम्मू मार्ग होते हुए घाटी से बाहर आवाजाही करते थे। अब अटल टनल बनने से सीमा सड़क संगठन भी सड़क को टनल के रास्ते जल्द यातायात के लिए बहाल कर रहा है। ऐसे में लाहौल घाटी के लोग अटल टनल के रास्ते ही आवाजाही कर रहे हैं।
बुधवार रात को हिमस्खलन से बंद तांदी-संसारीनाला-जम्मू सड़क से बर्फ हटाकर सीमा सड़क संगठन ने मार्ग यातायात के लिए खोल दिया है। अटल टनल बनने से लाहौल ही नहीं, बल्कि पांगी घाटी के लोगों को लाहौल होकर मनाली-कुल्लू-मंडी की ओर आवाजाही करने में बड़ी राहत मिली है।
इन दिनों भी चंबा जिले के पांगी घाटी के लोग लाहौल होकर मनाली, कुल्लू की ओर आवाजाही कर रहे हैं। अटल टनल रोहतांग से पूर्व पांगी घाटी के लोग भी सर्दियों में लाहौल की तरह हेलिकॉप्टर सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। सीमा सड़क संगठन 94 के अधिकारी पाल राज ने बताया कि पांगी घाटी के श्योर से 10 किमी पीछे लाहौल की तरह मार्ग हिमस्खलन से बंद हो गया था। इसे वीरवार को दोपहर बाद यातायात के लिए बहाल कर दिया है।