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हिमाचल: उपभोक्ता भी कर सकेंगे असली और नकली शराब की पहचान, विभाग ने बनाया ये प्लान

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हिमाचल प्रदेश में अब उपभोक्ता शराब खरीदने से पहले यह जांच कर सकेंगे की यह शराब असली है या नकली। शराब की प्रमाणिकता की जांच के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग एक सॉफ्टवेयर लॉन्च करने जा रहा है। उपभोक्ताओं को बस अपने मोबाइल में इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करना हो और और राज्य में बेची जा रही शराब की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए बोतल पर चिपकाए गए होलोग्राम पर उपलब्ध बारकोड को स्कैन करना होगा। होलोग्राम को स्कैन करते ही पता चल जाएगा कि शराब असली है या नक़ली और इस प्रकार अवैध शराब के धंधे पर लगाम लगायी जाएगी ।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अवैध शराब के धंधे और इससे उत्पन्न गंभीर समस्या को रोकने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग पिछले एक साल से अलग अलग स्तरों पर काम कर रहा है । इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहल शराब की आपूर्ति श्रृंखला के एंड-टू-एंड ट्रैक और ट्रेस (End to End track & trace) के लिए एक ई-गवर्नेंस परियोजना (e-governance project) की शुरूआत है। ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली के सॉफ्टवेयर को लॉन्च करने के लिए पिछले एक साल के दौरान काफी काम किया जा चुका है।

इस सॉफ्टवेयर के लॉन्च होने से न केवल राज्य कर और आबकारी विभाग को फायदा होगा बल्कि उपभोक्ता भी इससे लाभान्विंत होंगे। इसके जरिए शराब आपूर्ति श्रृंखला के सभी रिरॉर्ड ऑनलाइन रखे जाएंगे और इसे कहीं से भी वास्तविक समय के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रवर्तन प्रकोष्ठ (enforcement wings) को भी मजबूत किया जाएगा क्योंकि शराब के परिवहन के संबंध में डेटा चलते-फिरते आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होगा और बारकोड की स्कैनिंग के माध्यम से शराब की प्रामाणिकता को आसानी से पहचाना जा सकता है। यह परियोजना अंतिम चरण में है और बहुत जल्द इसे लागू कर दिया जाएगा।

बता दें कि प्रदेश के मंडी जिला में अभी हाल ही में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जन भर लोग अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने जिस शराब का सेवन किया था वह नकली थी और उसे हमीरपुर में अवैध रूप से तैयार किया गया है। ऐसे में आबकारी कराधान विभाग का ये सॉफ्टवेयर प्रदेश में बिकने वाली नकली शराब के गोरखधंधे पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगा।