हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू जहां एक ओर खुद को अग्रणि साबित करने की जद्दोजहद में हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी को चारो खाने चित करने की तैयारी भी कर रह हैं. सुक्खू सभी विधायकों से सार्वजनिक जीवन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नया कानून लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमीरपुर के नादौन से विधायक सुक्खू ने ‘द हिंदू’ समाचार पत्र को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह आगामी बजट सत्र में एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने के लिए अध्यक्ष से अनुमति मांगेंगे, जिसमें यह परिकल्पना की गई है कि कोई भी निर्वाचित प्रतिनिधि, चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो या मंत्री हो.
सुक्खू का मानना है कि विधायकों को अनिवार्य रूप से अपनी आय का विवरण और अधिक महत्वपूर्ण रूप से उस आय का स्रोत प्रदान करने के लिए कहा जाना चाहिए और इसे सार्वजनिक डोमेन में रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में अन्य मुद्दों के अलावा भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा होने जा रहा है, यह महत्वपूर्ण है कि सभी विधायक आगे आएं और इस कानून का समर्थन करें.
सुक्खू ने आगे कहा मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो नेता सार्वजनिक जीवन में होते हैं उनकी छवि साफ-सुथरी होनी चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि उनके आचरण में पूरी पारदर्शिता हो. मैं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से आगामी बजट सत्र में एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने की अनुमति मांगूंगा. इस कानून में यह परिकल्पना की गई है कि कोई भी निर्वाचित प्रतिनिधि, चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हों या विधायक हों, उन्हें अनिवार्य रूप से अपनी आय का विवरण और उस आय के स्रोत का विवरण प्रदान करने के लिए कहा जाना चाहिए और इसे सार्वजनिक डोमेन में रखना चाहिए. इससे पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी. हमें रास्ता दिखाने की जरूरत है ताकि लोग हम पर और हमारे काम पर उंगली न उठाएं.
उन्होंने कहा अगर हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो इसमें छिपाने के लिए क्या है? आगामी चुनाव में भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा बनने जा रहा है. चूंकि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, इसलिए इस विधेयक पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मंशा दिखाने के लिए उनके विधायकों की जिम्मेदारी की परीक्षा होगी. हाल ही में हुए एक संसदीय सीट और तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के दौरान जिस तरह ‘आलाकमान’ पार्टी को एकजुट करने में कामयाब रहे, उससे अंदरूनी कलह की सारी आशंकाएं खत्म हो गई हैं. हमने सत्तारूढ़ भाजपा को हराकर चारों सीटों पर जीत हासिल की, जो पार्टी की एकजुट लड़ाई का नतीजा था. पार्टी में अब कोई गुटबाजी नहीं है. एकजुट न होने वाले लोगों का एक छोटा प्रतिशत हो सकता है, लेकिन इतना न्यूनतम प्रतिशत हमेशा रहा है, जो एक तरह का स्थायी विरोध है जो हमेशा बना रहा है.
सुक्खू ने कहा हम भाजपा से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और मुझे विश्वास है कि कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता पहले से ही जमीन पर काम कर रहे हैं. हाल के उपचुनाव पहले चुनाव थे जो पार्टी ने वीरभद्र सिंह के निधन के बाद लड़ी और चारों सीटों पर जीत हासिल की, यह सब हमारी रणनीति और योजना के कारण संभव हुआ. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पार्टी अपनी जीत की गति को न खोए और इसके लिए जमीनी स्तर पर पार्टी कैडर को मजबूत करने पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
सुक्खू ने कहा उपचुनावों में फतेहपुर विधानसभा सीट से जीतने वाले हमारे उम्मीदवार भवानी सिंह पठानिया और अर्की सीट से संजय अवस्थी इसके अच्छे उदाहरण हैं. हम पहले ही पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ इस मामले को उठा चुके हैं और सहमति विकसित की जा रही है. हमारा फोकस सबसे ज्यादा 2022 के चुनाव पर है जिसको लेकर हम राहुल गांधी और श्रीमती सोनिया गांधी के विजन को लागू करेंगे और पार्टी को आगे ले जाएंगे. सुक्खू ने अपने बारे में कहा कि मैं किसी पद की तलाश में नहीं हूं. राज्य में भाजपा सरकार का कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं है. यह नौकरशाही है जो राज्य पर शासन कर रही है.
सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक ‘डमी सीएम’ हैं क्योंकि राज्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है, जो अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार और मुख्यमंत्री चलाते हैं. हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार केवल केंद्र की ओर से कही जा रही बातों का पालन करती है. भाजपा नेता राज्य में जमीनी स्थिति तक नहीं पहुंचते हैं जिसकी वजह से तेज महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी देखी जा रही है. भाजपा के पास हिमाचल प्रदेश में सत्ता बनाए रखने का कोई मौका नहीं है. लोग समझदार हैं और उन्होंने महसूस किया है कि भाजपा के पास खोखले वादों के अलावा कुछ भी ठोस पेशकश करने के लिए नहीं है. उन्होंने आगे कहा भाजपा के कुकृत्यों को उजागर करने के अलावा हमारा ध्यान कर्मचारियों, किसानों, युवाओं और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर रहेगा. कांग्रेस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लेकर नीति लाएगी. किसानों के लाभ के लिए हम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज और सब्जियों की खरीद सुनिश्चित करेंगे. युवा और महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, हमारी प्राथमिकताओं में होगी.