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बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति का अभिभाषण, ‘किसानों पर सरकार का फोकस’

डेस्क |

संसद का बजट सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कोरोना महामारी से लेकर इस दौरान चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उनके भाषण में किसानों, महिलाओं से लेकर तीन तलाक तक के मुद्दे शामिल रहे।

राष्ट्रपति ने अभिभाषण की शुरुआत आजादी के सिपाहियों को नमन करने के साथ की। इसके बाद उन्होंने कोरोना के दौर में वैक्सीन और सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा मैं देश के उन लाखों स्वाधीनता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। आजादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धापूर्वक स्मरण करता हूं।

उन्होंने आगे कहा सरकार और नागरिकों के बीच यह परस्पर विश्वास, समन्वय और सहयोग, लोकतन्त्र की ताकत का अभूतपूर्व उदाहरण है। इसके लिए, मैं देश के प्रत्येक हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर का, हर देशवासी का अभिनंदन करता हूँ। माननीय सदस्य गण, मेरी सरकार सबका साथ, सबका विकास पर चलते हुए सशक्त भारत के निर्माण की तरफ चल रही है। कोरोना माहतारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, इन परिस्थितियों में हमारी सरकार और नागरिकों के बीच परस्पर भरोसा बना रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड कायम किया है। इस अभियान की सफलता ने नागरिकों को ऐसा सुरक्षा कवच दिया है, जिससे उनकी सुरक्षा बढ़ी है और उनका मनोबल भी बढ़ा है। देश में 70 % से ज्यादा लोग एक डोज ले चुके हैं। इसी माह वैक्सीन प्रोग्राम में 15 वर्ष से ज्यादा के किशोर-किशोरियों को भी वैक्सीन दी जा रही। प्रिकॉशन डोज भी दी जा रही है। अभी 8 वैक्सीन देश में दी जा रही हैं। भारत में बनी वैक्सीन दुनियाभर में काम आ रही है। मेरी सरकार दूरदर्शी समाधान तैयार कर रही है।

उन्होंने आगे कहा प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य मिशन की मदद से 80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुले हैं। सरकार ने 8000 से अधिक जन औषधि केंद्र बनाए हैं, जो बहुत बड़ा कदम है। भारतीय फार्मा कंपनियों के उत्पाद 180 देशों में पहुंच रहे हैं। सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों के फलस्वरूप देश में योग और आयुष उत्पादों की मांग बढ़ रही है। दुनिया के सबसे पहले WHO सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिकल हेल्थ की शुरुआत भारत में की जा रही है। बाबा साहेब की बातों को मेरी सरकार अपना मूलमंत्र मानती है। हाल के वर्षों में भारत की यह भावना भलीभांति झलकती है।

उन्होंने कहा कोरोना के इस काल में हमने बड़े देशों में खानपान की त्रासदी देखी है, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। हमारी सरकार दुनिया का सबसे बड़ा फूड डिस्ट्रिब्यूशन प्रोग्राम चला रही है, जिसे मार्च तक बढ़ा दिया गया है। देश में स्वनिधि रोजगार योजना भी चलाई जा रही है। सरकार ने श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल भी शुरू किया है। जनधन पोर्टल को सरकार ने मोबाइल से जोड़ा है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल इंकोनॉमी के दौर में UPI की सफलता के लिए सरकार को धन्यवाद दूंगा।

राष्ट्रपति ने कहा महामारी की बाधाओं के बावजूद बड़ी संख्या में घरों को नलों से जोड़ा गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को हुआ है। सरकार देश के गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।
सरकार ने सबसे ज्यादा फसलों की खरीदारी की है। खरीफ की फसलों की खरीद से 1.30 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2020-21 के दौरान निर्यात करीबन 3 लाख करोड़ पहुंच गया। हॉर्टिकल्चर- शहद उत्पादन के मामले में हम आगे बढ़े। 2015-15 के मुककाबले 115% की बढ़ोतरी हुई। सरकार ने कोरोना काल में सब्जियों, फलों और दूध जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों के लिए रेल चलाई।देश के 80% किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें सरकार ने लाभ पहुंचाया है। देश के 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को एक लाख करोड़ से ज्यादा धनराशि दी जा चुकी है। खाद्य तेल नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑइल जैसे प्रयासों की शुरुआत की है।