2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने के शुक्लपक्ष की प्रतिपद तिथि से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है। पहली आषाढ़ महीने में और दूसरी माघ महीने में पड़ती हैं। इस साल गुप्त नवरात्रि बुधवार 2 फरवरी से शुरू हो रही हैं जो 11 फरवरी तक चलेंगी। घटस्थापना इस दिन ही की जाएगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक है।
गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं के साधना की जाती हैं। ये महाविद्याएं देवी मां का ही स्वरूप हैं। इस दौरान मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्र में तांत्रिक कियाएं की जाती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, गुप्त नवरात्रि इस साल रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाए जाएंगे। मान्यता है कि इन योग में मां दुर्गा की उपासना का कई गुना फल प्राप्त होता है। मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती है। इस साल मां शक्ति नाव पर सवार होकर आएंगी और गमन हाथी पर होगा।
गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
गुप्त नवरात्रि के दौरान चांदी की कोई शुभ चीज जैसे श्रीयंत्र, चांदी का सिक्का, हाथी, त्रिशूल, बिल्वपत्र, कमल, स्वस्तिक, कलश, दीपक, घंटी, मां के चरण, पूजा की थाली या पूजा में उपयोग होने वाली कोई भी चीज खरीद लें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर पूरे साल धन-समृद्धि बरसाती हैं। गुप्त नवरात्रि में मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति लाना बेहद ही शुभ माना गया है लेकिन याद रखें कि मां लक्ष्मी कमल के आसन पर बैठी हुई मुद्रा में हों और अपने हाथों से धन वर्षा कर रही हों। गुप्त नवरात्रि में मां को श्रृंगार अर्पित करना बहुत शुभ होता है। इससे सौभाग्य बढ़ता है। इसके अलावा सुहागिन को श्रृंगार की चीजें भेंट करें।