वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एनपीएस अंशधारकों के लिए टैक्स छूट की सीमा 4 फीसदी बढ़ा दी है. हालांकि, इस बढ़ोतरी का राज्य कर्मचारियों को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिलने जा रहा, क्योंकि यूपी सहित भाजपा शासित अधिकतर राज्यों में सरकार का अंशदान पहले ही 14 फीसदी हो रहा है.
दरअसल, बजट घोषणा के बाद कर्मचारियों में इसे लेकर भ्रम पैदा हो गया कि उनके एनपीएस अंशदान में राज्य सरकार का योगदान 14 फीसदी बढ़ाया गया है. हकीकत ये है कि यूपी सहित कई राज्य सरकारें पहले से ही एनपीएस में अपनी तरफ से 14 फीसदी का योगदान कर रही हैं. हालांकि, इस पर टैक्स छूट का लाभ सिर्फ 10 फीसदी अंशदान पर ही दिया जा रहा था. वित्तमंत्री की बजट घोषणा के बाद कर्मचारी अब नियोक्ता की तरफ से मिलने वाले पूरे 14 फीसदी अंशदान पर टैक्स छूट का दावा कर सकेंगे.
वित्तमंत्री ने बजट 2019 पेश करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार के एनपीएस अंशदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था. हालांकि, कर्मचारी के लिए यह कटौती 10 फीसदी ही रखी गई. बाद में यूपी सहित अधिकतर राज्यों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए अंशदान को बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया. इस अंशदान की गणना कर्मचारी के बेसिक और डीए के हिसाब से की जाती है. केंद्रीय कर्मचारी पहले से ही इस 14 फीसदी पर टैक्स छूट ले रहे थे, अब राज्यों के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा.