हिमाचल में रेल लाइनों पर केंद्र सरकार कितनी सजग है। इस बात का अंदाजा केंद्रीय बजट को देख़कर लगाया जा सकता है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ऊना-हमीरपुर रेललाइन को केंद्र सरकार ने सिर्फ 1 हजार रुपये दिए हैं। इस परियोजना को लेकर काफी समय से बजट का इंतजार है, लेकिन मात्र 1 हजार रुपये के बजट को देखकर अपने आप में हंसी आती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गत वर्ष भी इस परियोजना को आम बजट में इतनी राशि यानि कि 1000 रूपए ही दिए गए थे। वहीं, इस परियोजना पर जब काम शुरू हुआ था तो इसका बजट 2850 करोड़ रूपए था। 2019 में जब इस परियोजना की डीपीआर बनाई तो यह बजट बढ़कर 5821 करोड़ रूपए हो गया। अब आख़िर में इस बजट मिला ही तो सिर्फ 1 हजार रुपये का। अब रेलवे अधिकारियों की मानें तो इस परियोजना को फिलहाल उत्तर रेलवे ने फ्रीज कर दिया है। रेलवे की आवश्यक परियोजनाओं में इस ट्रैक का कहीं जिक्र नहीं है।
ग़ौर रहे कि उत्तर रेलवे ने साल 2017-18 के बजट में इस परियोजना को शामिल किया था। अनुराग ठाकुर अपने ही संसदीय क्षेत्र और गृह जिला के लिए बिछने वाली इस रेललाइन के लिए काफी मशक्कत भी की। लेकिन वे नाकाम साबित हुए। दूसरी ओर बजट में तरजीह न मिलने से आए दिन कागजों में इस परियोजना की कीमत बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय है।
अधर में लटकी मनाली-लेह रेललाइन
सामरिक महत्व की बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन भी अधर में लटकी हुई है। इस परियोजना की डीपीआर को पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद उत्तर रेलवे ने दिसंबर माह में केंद्र को सौंप दिया था। इसका आंकलन करीब 10 हजार करोड़ का था। इस परियोजना को लेकर छह जनवरी को समीक्षा बैठक हुई, 12 जनवरी को होने वाली बैठक कोरोना के कारण टल गईऔर डीपीआर की समीणा नहीं हो पाई।
अनुमान था कि इस परियोजना को बजट में शामिल किया जाएगा, परंतु इसे बजट में भी स्थान नहीं मिल सका। हालांकि रक्षा मंत्रालय का विशेष प्रोजेक्ट होने के चलते इस पर वित्त वर्ष के बीच फैसला लिया जाना संभव है। लेकिन अभी तक कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर (सीसीईए) से भी इस प्रोजेक्ट को अप्रूवल नहीं मिल पाया है। इस कमेटी के अप्रूवल के बाद ही इस रेललाइन के लिए बजट का प्रावधान होना है।