एनजीटी के कोर और ग्रीन एरिया में निर्माण पर लगाये गए प्रतिबंध के बाद शहरी विकास विभाग ने शिमला के विकास की योजना का ड्राफ्ट तैयार किया है। शिमला में निर्माण कार्य किस तरह से होगा इसमें पूरी योजना बनाई गई है इसको लेकर एक महीने के भीतर लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं और तीन महीने के भीतर योजना को फाइनल करने लक्ष्य रखा गया है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला में इस प्लान का लॉन्च किया और कहा कि शिमला में अंतरिम डेवलोपमेन्ट प्लान 1979 में बनाई गई थी। 40 वर्षों में डेवलपमेंट प्लान अंतिम रूप नहीं ले पाया। टीसीपी विभाग इस वर्ष अंतिम रूप देने जा रहा है। इसके लिए लोगो के सुझाव और आपत्तियां मांगी गई है जिसे आगामी 30 दिन तक दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ग्रीन बेल्ट एरिया में कुछ प्लॉट ऐसे है जहां आसपास निर्माण हो चुका है। लेकिन रिहायशी जरूरत के लिए भी निर्माण नहीं हो पा रहा है। इस प्लान में 1 फ्लोर के निर्माण और एटिक की अनुमति दिया जाना आवश्यक है। शिमला के कोर एरिया में रिहायशी निर्माण के लिए 2 मंजिल, पार्किंग, एटिक निर्माण दिया जाना प्रस्तावित है। जबकि नॉन कोर एरिया में 3 मंजिल, पार्किंग और एटिक बनाया जाने का प्रस्ताव रखा गया है।