अरुणाचल प्रदेश के कमांग सैक्टर में हिमस्खलन में शहीद हुए कांगड़ा जिला के जवान राकेश सिंह का शनिवार देर शाम सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान सैंकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व आज एक सप्ताह बाद जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पंहुचा उनकी माता और पत्नी सहित अन्य परिजनों का रो-रो का बुरा हाल था। इस दौरान सेना के जवानों ने शहीद राकेश को सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी। अंतिम विदाई के दौरान सेना के अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं सरकार की ओर से वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया सहित स्थानीय विधायक और भाजपा के महामंत्री त्रिलोक कपूर और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
गौरतलब है कि बीते छह फरवरी को अरूणाचल प्रदेश के कमांग सैक्टर में गश्त के दौरान सेना के सात जवान हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे। इनमें हिमाचल के बिलासपुर के घुमारवीं तथा कांगड़ा जिला के बैजनाथ उपमंडल के महेशगढ़ गांव के राकेश सिंह भी शामिल थे। शहीद राकेश कुमार की शादी अक्टूबर 2020 में हुई थी। शहीद राकेश का एक 6 महीने का बेटा भी है। शहीद अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।
उधर, शहीद राकेश के पिता जिगरी राम का कहना है कि उनका बेटे ने देश के लिए शहादत दी है। जिस पर उन्हें गर्व है। वह पिछले दो दिनों से अपने बेटे की अंतिम यात्रा की तैयारी में लगे हुए थे। शहीद राकेश का अभी चार माहह का बेटा है। वहीं, स्थानीय लोगों ने शहीद हुए राकेश को सच्ची और उचित श्रद्धांजलि गांव के लिए पक्की सड़क का निर्माण करना और उसका नाम शहीद राकेश सिंह मार्ग रखने की मांग भी उठाई है।
वन मंत्री ने शोकसंतप्त परिवार से भेंट कर अपनी संवेदनायें भी प्रकट की और शहीद के गांव को जोड़ने वाली सड़क कन्द्राल, महेशगढ़, गवालटिक्कर का नाम शहीद राकेश सिंह के नाम पर रखने की बात कही। उन्होंने इस सड़क के निर्माण की सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के आदेश विभाग को जारी किये।