भारत देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटोक्शन ग्रुप (SPG) के हाथ में होती है। 2 जून 1988 में एक अधिनियम बनाया गया था जिसके तहत एसपीजी के जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलट्री फोर्स से किया जाता है। ये जवानों का चयन कर एसपीजी फोर्स बनती है जिसे देश की सबसे पेशेवर और आधुनिकतम सुरक्षा बलों में एक माना जाता है। पहले ये सुरक्षा दूसरे नेताओं को भी मिलती थी लेकिन अब ये सिर्फ प्रधानमंत्री को ही दी जाती है।
SPG के जवानों को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग दी जाती है। ये वही ट्रेनिंग है जो अमेरिका में स्टेट सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को दी जाती है। पीएम के चारों ओर घेरा बनाकर खड़े जवानों को सिक्यॉरिटी कवर दी जाती है ताकि प्रधानमंत्री को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस एसपीजी में कितना खर्च आता है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एसपीजी का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है। 2014-15 में जब मोदी सरकार आई थी, जब एसपीजी का बजट 289 करोड़ रुपये था। इसके बाद 2015-16 में इसे बढ़कर 330 करोड़ रुपये कर दिया गया। 2019-20 में इस बजट को बढ़ा कर 540.16 करोड़ रुपये कर दिया गया। साल 2021-22 में एसपीजी का बजट 429.05 करोड़ रुपये था। यानी हर दिन प्रधानमंत्री की सिक्यॉरिटी पर 1.17 करोड़ का खर्च आता है।
इसके साथ ही SPG के जवानों के साथ पीएम के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स 3 और एक मर्सिडीज बेंज होती है। इसके अलावा मर्सिडीज बेंज ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी इस काफिले में शामिल होती है।