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चारा घोटाला के 5वें मामले में लालू को 5 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना भी लगा

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चारा घोटाला मामले में फंसे लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आर रहीं। अब डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोचाला मामले में कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही लालू पर 60 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला सुनाया है।

इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत के जज एस के शशि ने 15 फरवरी को इन सभी को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी। हालांकि लालू के वकील ने कोर्ट में बेल की अर्जी लगाई है लेकिन बेल मिलने तक लालू को जेल में ही रहना होगा।

डोरंडा कोषागार का मामला चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला था। सीबीआई की तरफ से कहा गया कि लालू यादव जब वित्त मंत्री थे तो उनकी नाक के नीचे यह सब कुछ हुआ और उनको इस सब के बारे में जानकारी थी। बहुचर्चित चारा घोटाले के इस पांचवें मामले में रांची के डोरंडा थाने में साल 1996 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सीबीआई ने यह केस टेकओवर कर लिया। शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। छह आरोपी आज तक फरार हैं।

बता दें लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। इसके पहले चारा घोटाले के चार मुकदमों में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा दी है, जबकि एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी उन्हें भरना पड़ा।