गुरुवार को चिकित्सक संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से बैठक के बाद अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया है। क्योंकि प्रदेश सरकार ने उनकी सभी मांगों को मानने को हामी भर दी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चिकित्सकों की मांगों को पूरा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही मुख्मंत्री ने निर्देश दिए कि आने वाले समय में चिकित्सकों की भर्ती नियमित आधार पर होगी। मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को निर्देश दिए कि जो चिकित्सक अनुबंध पर लगे हैं, उनके लिए एनपीए की अधिसूचना भी जल्द से जल्द जारी की जाए।
बैठक में चिकित्सकों के लिए वेतन की सीलिंग अब बढ़ाकर 2,24,500 करने पर सहमति बनी है। 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को भी 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा और एनपीए को बेसिक का हिस्सा माना जाएगा। सीएम ने आश्वासन दिया कि 4-9-14 को लेकर अधिसूचना कर्मचारियों के लिए जल्द ही जारी होने वाली है। चिकित्सकों का विशेषज्ञ भत्ता बढ़ाने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे चिकित्सकों के लिए भी अकादमिक भत्ता देने की सहमति बनी है।
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद और महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि दो घंटे तक मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की मांगों को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुना और उनका तुरंत समाधान निकाला। साथ ही तकनीकी कमेटी को तुरंत अधिसूचित किया। उन्होंने एकजुट होकर चलने के लिए सभी चिकित्सकों पशु चिकित्स, दंत चिकित्स व सभी चिकित्सा संकाय और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का धन्यवाद किया है। सरकार की ओर से मांगे मानने के बाद समिति ने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है।