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मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी योजना का बुरा हाल, नगर निगम में नहीं मिल रहा काम!

मृत्युंजय पुरी |

नगर निगम धर्मशाला में बेरोजगारों को मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी योजना के तहत काम नहीं मिल पा रहा है। पिछले छह माह से निगम को इसके लिए बजट ही उपलब्ध नहीं करवाया गया है जिससे बेरोजगारों को रोजगार देने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम धर्मशाला के जनरल हाउस में यह मुद्दा उठाया गया था जिसमें सरकार से योजना के तहत बजट उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था।

इसी फेहरिस्त में धर्मशाला नगर निगम के पूर्व महापौर एवं वर्तमान पार्षद देवेंद्र जग्गी ने जोधामल सराय में योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं की बैठक आयोजित की। बैठक में पार्षद अनुराग, सविता कार्की, नीनू शर्मा और स्वर्णा शामिल रहे। उन्होंने इस दौरान सरकार को चेताया कि पहली अप्रैल से योजना को शुरू नहीं किया गया तो बेरोजगारों के साथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। बैठक के दौरान बेरोजगार महिलाओं ने अपने सुझाव भी पार्षदों के सामने रखे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य सभी नागरिकों को 120 दिन का गारंटीकृत रोजगार प्रदान कर उनकी अजीविका को पूरा करना है। साथ ही उनके लिए बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना भी है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण भी दीन दयाल अंत्योदय शहरी अजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदान किया जाएगा।

पार्षद देवेंद्र जग्गी ने कहा कि इस योजना के तहत नगर निगम में करीब 800 बेरोजगार हैं। योजना को सरकार द्वारा बंद करने के चलते बजट नहीं मिल रहा है और लोगों को काम नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के बजट में भी इस संबंध में व्यवस्था की जा रही है और सरकार से पहली अप्रैल से योजना को शुरू करने का आग्रह किया जाएगा। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाती है तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।