प्रदेश में मौसम की बेरूखी के चलते किसान और बागवान परेशान हो उठे हैं। जनवरी महीने में बर्फबारी नहीं होने से बागवानों की चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। बागवानों ने बगीचों से संबंधित लगभग सभी काम निपटा लिए हैं लेकिन बर्फबारी नहीं होने से बागवान परेशान हैं।
मौसम की बेरूखी बागवानों पर भारी पड़ेगी। अच्छी फसल की पैदावार के लिए 1200 से 1400 घंटे चिलिंग ऑवर के पूरे होना जरूरी है। बर्फबारी और बारिश न होने से लोग सेब के पेड़ों के तौलिए नहीं कर पा रहे हैं। सेब के पौधों पर वूली एफिड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसके साथ ही बर्फ न पड़ने से स्केल व बिलू एफेड की बीमारी का डर भी सता रहा है।
बर्फबारी और बारिश की फरियाद लेकर मनाली घाटी के लोग आज तक्षक नाग और फाईया नाग की शरण में पहुंचे। बागवानों ने बताया कि जिस तरह से मौसम खुश्क चल रहा है, इससे नकदी फसल सेब, प्लम, नाशपाती पर विपरीत असर पड़ सकता है। लोगों का कहना है कि समय रहते अगर सूखा खत्म नहीं होता है लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। फलदार फसलों के अलावा दूसरी फसलों पर भी असर दिखेगा।
वहीं, मौसम विभाग शिमला ने 24 जनवरी से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी होने की संभावना जताई है, जबकि अन्य क्षेत्रों में 24 से मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। आने वाले 72 घंटों में शिमला सहित अन्य क्षेत्रों में भी बारिश की फुहार गिर सकती है।