ब्यास नदी के तट पर बसी बाबा भूतनाथ की नगरी मंडी जो छोटीकाशी के रूप में विख्यात है शैवमत से प्रभावित रही है। शैवमत से प्रभावित इस पहाड़ी रियासत की आधुनिक राजधानी की स्थापना बाबा भूतनाथ के मंदिर के निर्माण के साथ ही हुई है। इसके अलावा शिव की नगरी में त्रिलोकीनाथ, महामृत्युंजय, पंचवक्त्र, अर्धनारीश्वर, नीलकंठ, शिवशंभू महादेव, एकादशरूद्र महादेव, रूद्र महादेव आदि अनेक शिव मंदिर हैं, जो बाबा भूतनाथ की नगरी को छोटीकाशी के रूप में पहचान दिलाते हैं। अब 12 ज्योतिर्लिंगों वाले शिवधाम की स्थापना से छोटीकाशी पर्यटन के मानचित्र पर नए आयाम स्थापित करेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम का निर्माण कार्य इन दिनों जोरों पर है। मंडी के शिवधाम का मॉडल सिक्किम में बने श्विधाम पर आधारित है। मंडी में बनने वाले शिवधाम पर करीब 175 करोड़ की धनराशि को खर्च की जाएगी। यह सिक्किम की तर्ज पर धार्मिक पर्यटन का केंद्र के रूप में उभरेगा। यहां सबसे पहले पार्किंग की सुविधा होगा जहां सैंकड़ों गाडिय़ों को खड़ा किया जा सकेगा। मंडी के कांगणीधार में बनने वाले शिवधाम में प्रवेश के लिए कैलाश द्वार होगा। वहीं शिवधाम में श्रीगणेश मंडल के दर्शन होंगे, जिसमें भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी।
इसके अलावा गंगा कुंड होगा, शिव वंदना के नाम से ओरिएंटेशन सेंटर होगा। रूद्रा मंडल और डमरू मंडल होगा जहां भगवान शिव के डमरू के दर्शन होंगे। डमरू मंडल के पास खाने पीने की वस्तुएं भी मिलेंगी। मान सरोवर कुंड, मोक्षपथ, विल्वपत्रा कुंड, शिवस्मृति म्यूजियम होगा और एक बड़ा शिवलिंग भी स्थापित होगा जिसे चंडीगढ़-मनाली एनएच. से ही पर्यटक दूर से देख कर आकर्षित होंगे। वहीं, शिवधाम में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी करवाए जाएंगे और भगवान शिव के साथ माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश भगवान की प्रतिमाएं भी होंगी। साढ़े 9 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाला उत्तर भारत का यह पहला ऐसा धार्मिक पर्यटन स्थल होगा जो बाहर से आने वाले पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र भी होगा।