केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की समन्वय समिति के आह्वान पर सीटू की जिला कमेटी ने सोमवार को मजदूरों के साथ जिला ऊना मुख्यालय पर जोरदार उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान औद्योगिक मजदूर, निर्माण मजदूर और मनरेगा मजदूर भी प्रदर्शन में शामिल हुए। मजदूरों ने शहर में भर में मांगों के समर्थन में रोष रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैली को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव गुरनाम सिंह ने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की समिति ने सम्मेलन में केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन करने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में सोमवार को मजदूरों ने प्रदर्शन किया है।
ये हैं इनकी मांगे:-
उन्होंने मांग की कि देश में दिनों दिन बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाई जाए। खाद्य वस्तुओं में सट्टा बाजार की नीति बंद की जाए। बैंक, बीमा, बीएसएनएल, रक्षा, रेलवे, कोयला, बिजली, परिवहन और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों में एफडीआई और निजीकरण बंद किया जाए, यूनियनों का पंजीकरण 45 दिनों में किया जाए, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित श्रम कानूनों के बदलाव प्रस्ताव पर तुरंत रोक लगाई जाए। ईपीएफ, ईएसआई और कर्मचारी पेंशन योजना में किए जा रहे संशोधनों को निरस्त किया जाए।
न्यूनतम वेतन 18000 रूपये किया जाए। आंगनबाड़ी, मिड डे मील और आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। सभी मजदूरों को न्यूनतम तीन हजार रूपये पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। मनरेगा के बजट में बढ़ौतरी की जाए। जबकि, इसके बाद प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया।