हिमाचल प्रदेश में 4 अप्रैल 1905 को विनाशकारी भूकंप आया था। उस समय इससे करीब 20 हजार लोग काल का ग्रास बन गए थे। इस भूकंप में यहां के कांगड़ा ब्रजेश्वरी मंदिर सहित कई भवन तबाह हो गए थे। हिमाचल में अब भी भूकंप का खतरा बरकरार है।
7.8 मैग्नीच्यूड के सुबह के समय आए इस भूकंप ने यहां के मुख्य शहरों सहित गांवों में भारी तबाही मचाई थी। इससे पालमपुर का बाजार भी पूरी तरह से तबाह हो गया था।
भूकंप से धर्मशाला को भी काफी नुकसान पहुंचा था। यहां कई ऐतिहासिक भवन जमींदोज हो गए थे।
भूकंप से कांगड़ा घाटी में सड़कों से लेकर पुल भी टूट गए थे। इस कारण समय पर मदद भी उपलब्ध नहीं हो सकी थी।
भूकंप से जिला कांगड़ा में केवल बैजनाथ का ऐतिहासिक शिव मंदिर ही बचा था। इस मंदिर को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था।
बैजनाथ शिव मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित एक अन्य शिव मंदिर ध्वस्त हो गया था।
भूकंप से कांगड़ा के इतिहास को बताने वाला कांगड़ा का किला भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था।