पी. चंद। मुख्यमंत्री द्वारा जरनैल सिंह भिंडरावाले को लेकर दिए गए बयान पर अब बवाल शुरू हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसपर ऐतराज जताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए एक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कमेटी ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान सिख युवाओं के सेंटीमेंट को ठेस पहुंचाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री अपने बयान को वापस लें ताकि आने वाले दिनों दोनों राज्यों और सभी लोगों के बीच भाईचारा बना रहे।
नोटिस में कमेटी ने लिखा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां कई तरह के धर्म बसते हैं। देश विदेश में सीख सुमदाय के लोग संत ज्ञानी जरनैल सिंह खालसा को अपना नेता और अपना आदर्श मानते हैं। सीख के उच्च लोगों ने उन्हें कम्यूनिटी वॉरियर की उपाधि तक दी है। ऐसे में हिमाचल के मुख्यमंत्री का बयान और पुलिस द्वारा गाड़ियों पर झंडे हटाना सही नहीं है। हर साल हजारों लाखों श्रद्धालू हिमाचल आते हैं। ऐसे में पुलिस द्वारा झंडे हटाकर और सिख युवाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर पुलिस खुद कानून हाथ में ले रही है। लोकतांत्रिक देश में कोई भी व्यक्ति अपने आदर्श की फोटो लेजा सकता है।
ग़ौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस कोरोना के बाद से किसी भी गाड़ियों और बाइकों में झंडे लाने से इंकार कर रही है। ये झंडे अक्सर हिमाचल की सड़कों पर भी पड़े हैं मिलते हैं जिसके चलते सरकार ने कुछ पुलिस निर्देश जारी किए थे। हालांकि झंडे हटाने के पीछे कोई राजनीति फायदा भी होने की संभावना हो सकती है। लेकिन ताजे मामले में विवाद झंडे हटाने से ही शुरु हुआ जब एक श्रद्धालू ने पुलिस का झंडे हटाते हुए फेसबुक लाइव कर दिया। उसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल हुआ और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया आई…
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