हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में NH-907A के कुमारहट्टी खंड पर देश का पहला रोलिंग बैरियर रेलिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने इसे पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर शुरू किया है। इस तकनीक के जरिए हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में होने वाले सड़क हादसों में कमी आएगी।
मंगलवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने ट्वीट कर इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। गडकरी ने लिखा, ‘सिरमौर जिले के नाहन से सोलन के जिले के कुमारहट्टी को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 907ए पर यह पायल प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस तकनीक के जरिये पहाड़ी इलाकों में बड़े हादसों पर रोकथाम लगेगी।’
बता दें कि रोल बैरियर गॉर्डेल सिस्टम एक शॉक एब्जॉर्बिंग सिस्टम है, जो टकराव के दौरान होने वाले इंपेक्ट को कम कर देता है। जब कोई वाहन इस बैरियर से टकराता है तो उसकी स्पीड कम हो जाती है और साथ ही यह वाहन की दिशा को भी बदल देता है। इससे वाहन के खाई में गिरने की संभावना भी कम हो जाती है। साथ ही गाड़ी के क्षतिग्रस्त होने के भी चांस कम होते हैं। इससे पहले ये तकनीक बाहरी देशों में देखने को मिलती थी लेकिन अब इसे भारत में भी स्थापित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में सड़क किनारे क्रैश बैरियर न होने के चलते आए दिन हादसे पेश आते हैं। इन सड़क हादसों में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अब इस नई तकनीक से प्रदेश में होने वाले हादसों में कमी आने की उम्मीद है।
Rolling Barrier Guardrail System has been successfully installed on Nahan to Kumarhatti section of NH 907A in Himachal Pradesh as a pilot project. This ingeniously engineered system will prevent fatal injuries especially in the Hilly Areas. #PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/wnzu94xH7N
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 28, 2022