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बिहार विधानसभा में शराबबंदी से जुड़ा विधेयक पारित, सेवन करने पर होगी सज़ा!

डेस्क |

बिहार विधानसभा में बुधवार को कार्यवाही के बाद बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। इस विधेयक में शराब के सेवन के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक राज्य सरकार को इस श्रेणी के अपराधों के लिए कुछ दंड निर्धारित करने का अधिकार देता है। पहले तो प्रदेश में शराबबंदी थी लेकिन अब इसका अवैध तरीके से सेवन करने वालों को सजा भी हो सकती है।

विधायक को मार्शलों ने किया बाहर

हार विधानसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था से लेकर बाढ़ और सांप्रदायिकता तक के मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके बाद एक विधायक को मार्शलों ने सदन से बेदखल कर दिया। कार्यवाही सुबह 11 बजे हंगामे के साथ शुरू हुई जब सदस्यों ने मांग की कि उनके स्थगन प्रस्तावों पर तुरंत चर्चा की जाए। पटना के बाहरी इलाके में दानापुर में मुख्यमंत्री की पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या की सीबीआई जांच और भोजपुर में 1857 के विद्रोह के नायक वीर कुंवर सिंह के वंशज की रहस्यमयी मौत की न्यायिक जांच की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किए गए थे।

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदस्यों से उचित समय तक प्रतीक्षा करने को कहा लेकिन जब उन्होंने प्रश्नकाल के बाद स्थगन प्रस्तावों को पढ़ा और ठुकरा दिया तो सदन में उथल-पुथल मच गई। अध्यक्ष ने सदस्यों के वेल में प्रवेश करने पर नाराजगी जताई और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने को कहा। महबूब आलम (भाकपा-माले), अरुण शंकर सिंह (कांग्रेस) और मुकेश रौशन (राजद) जैसे विधायकों ने इन हत्या के मामलों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये हत्याएं राज्य में खराब कानून व्यवस्था का नमूना है जहां मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं।

हंगामे के बीच अध्यक्ष ने एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान को बार-बार वेल में प्रवेश करने के लिए फटकार लगाई और उन्हें बाहर करने के लिए मार्शलों को बुलाया। बाद में अध्यक्ष ने राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक की ओर से खेद व्यक्त करने के बाद ईमान को निलंबित करने के अपने आदेश को रद्द कर दिया।