हिमाचल पुलिस ने ड्रग्स माफिया पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डीजीपी एसआर मरडी ने फैसला लिया है कि अगर कोई नागरिक आठ किलो तक चरस, अफीम, नारकोटिक्स पदार्थ या ड्रग्स के 1000 कैप्सूल किसी के पास होने की सूचना देता है तो उसे 10 हजार रुपये का अवार्ड मिलेगा। अवार्ड प्रत्येक मामले में अलग-अलग दिए जाएंगे। दक्षिणी रेंज शिमला के डीआईजी आसिफ जलाल ने बताया कि सूचना देने वाले का नाम गुफ्त रखा जाएगा।
विशेष टास्क फोर्स गठित
ड्रग्स और नशीले पदार्थों का कारोबार कर रहे गिरोहों को पकड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश के नए डीजीपी एसआर मरडी ने विशेष टास्क फोर्स गठित की हैं। ये कार्य बल (एसटीएफ) हर जिले में गठित किए गए हैं। टास्क फोर्स रोजाना कार्रवाई की रिपोर्ट सीआईडी के एसपी नारकोटिक्स को देंगी ताकि नशा माफिया को पकड़ा जा सके। पुलिस का यह अभियान 27 जनवरी से शुरू होगा और आगामी 100 दिनों तक चलेगा।
पुलिस कर्मचारियों को मिलेगा इनाम
आसिफ जलाल ने बताया है कि अगर कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी 100 ग्राम नशीले पदार्थ या 500 नशीले कैप्सूल बरामद करता है तो उसे क्लास वन कमेंडेशन प्रमाणपत्र और 500 रुपये का इनाम दिया जाएगा। अगर आठ किलोग्राम नशीले पदार्थ और 1000 कैप्सूल पकड़ता है तो उसे डीजीपी डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
अवैध खनन और पेड़ कटान के खिलाफ भी अभियान
प्रदेश पुलिस 27 जनवरी से ही अवैध खनन और पेड़ कटान के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाएगी। इसके लिए भी जिलों में राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में विशेष कार्य बल का गठन किया जा रहा है। ये एसटीएफ रोजाना एसपी कानून-व्यवस्था को रिपोर्ट करेंगे। एसपी कानून-व्यवस्था आगे डीजीपी को इसकी सूचना देंगे। इस पर भी सूचना देने वाले नागरिकों को अवार्ड दिए जा सकते हैं। हिमाचल पुलिस 29 जनवरी से गलत तरीके से ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाएगी।
इसमें शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों, ओवर स्पीड से वाहन चलाने वालों, मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ड्राइविंग करने वालों और तमाम तरह से यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।