देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजपथ पर जहां देश की ताकत, कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। हिमाचल की संस्कृति की झलक भी राजपथ पर दिखाई गई। चंबा रूमाल के बाद लाहौल स्पीति के की-गोंपा को परेड में शामिल किया गया है।
हिमाचल के लाहौल घाटी के काजा में यह बौद्ध धर्म के प्रतीक की-गोंपा स्थित है। हिमाचल से 26 जनवरी के लिए तीन मॉडल भेजे थे, जिनमें की-गोंपा, ढ़ंक्खर-मोनास्ट्री और हिमाचल प्रदेश के महास्वी देव संस्कृति के मॉडल शामिल थे। लेकिन की-गोंपा का चयन हुआ है।
करीब 13504 फीट की ऊंचाई पर बना है मठ
13वीं शताब्दी में बना की-गोंपा हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित है। इसे बौद्ध धर्म का प्रतीक माना जाता है। काज़ा से करीब 12 किलोमीटर दूर है। इसकी स्थापना लामा रिंगछेन संगपो ने 13वीं शताब्दी में की थी। ये मठ महायान बौद्ध के जेलूपा संप्रदाय से संबंधित है और घाटी का सबसे बड़ा मठ है। मठ करीब 13504 फीट की ऊंचाई पर बना है।
भूकंप में सुरक्षित रहा था की गोंपा
यहां प्राचीन हस्तलिपियां और थंगकस के संग्रह के साथ कुछ हथियार भी रखे गए हैं। मठ पर 19वीं शताब्दी में सिखों तथा डोगरा राजाओं ने आक्रमण किया था। इस के अलावा, यह मठ 1905 में आए भूकंप में सुरक्षित रहा था। इस मठ में जून-जुलाई में चाम उत्सव मनाया जाता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं।