कल यानी 1 अप्रैल से वित्त वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। इसी कड़ी में 2022-23 के वित्त वर्ष में कई तरह के बदलाव संभव हैं। लेकिन आज हम उन बदलावों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपका बचेगा या घटेगा, इसका पता चल सके। आइये जानते हैं कुछ ऐसे बदलावों के बारे में…
सबसे पहले तो हैं क्रिप्टोकरंसी- वर्चुअल करंसी पर भी 1 अप्रैल से कर संबंधी स्पष्ट नियम लागू होंगे। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगेगा। किसी व्यक्ति को क्रिप्टो करंसी बेचने पर फायदा होता है, तो उसे टैक्स देना होगा। बिक्री पर 1 जुलाई से 1% टीडीएस भी काटा जाएगा।
GST- 20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य ई-इनवॉइसिंग के दायरे में आएंगे। हर बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजेक्शन के लिए ई-इनवॉइस जारी होगा। इसके न होने पर ट्रांसपोर्ट के दौरान माल जब्त किया जा सकता है। साथ ही, खरीदार को मिलने वाला इनपुट टैक्स क्रेडिट भी खतरे में पड़ जाएगा।
प्रॉविडेंट फंड (PF)- जिन कर्मचारियों ने PF अकाउंट में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा किया है, उन्हें ब्याज पर इनकम टैक्स देना होगा। टैक्स कैलकुलेशन के लिए अमाउंट को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। एक में छूट वाला योगदान, तो दूसरे में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का योगदान रहेगा, जो टैक्सेबल होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए रहेगी।
दवाएं होंगी महंगी- नए फाइनेंशियल ईयर में हेल्थकेयर भी महंगा हो जाएगा। करीब 800 लाइफ सेविंग ड्रग्स के दाम 10% तक बढ़ेंगे, जिससे इलाज के खर्च में बढ़ोतरी होगी।
PAN कार्ड- पैन को आधार से लिंक करने पर अब पेनल्टी लगेगी। यह 30 जून 2022 तक 500 रुपए रहेगी। इसके बाद 1000 रुपए पैनल्टी देनी होगी। 31 मार्च 2023 के बाद भी लिंक न करवाने पर पैन नंबर निष्क्रिय हो जाएगा।
सफर करना हुआ महंगा- नेशनल हाईवे पर सफर करना महंगा होने वाला है। आज यानी गुरुवार रात 12 बजे से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपए तक की बढ़ोतरी की है। छोटे वाहनों के लिए 10 से 15 रुपए जबकि कामर्शियल वाहनों के लिए 65 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है।
कोरोना के ट्रीटमेंट पर लगने वाला खर्च- कोरोना के ट्रीटमेंट के लिए मिले पैसों पर टैक्स में छूट दी गई है। कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार को मिलने वाले पैसों को भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। इसके लिए जरूरी है कि पैसा कोविड से हुई मौत के 12 महीनों के अंदर मिला हो और मिली हुई राशि 10 लाख से अधिक नहीं हो।