पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिमला में नारे लगाने वाले शिक्षक को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दैनिक अख़बार के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर शिक्षक का ट्रांसफर हुआ है और कहा जा रहा है कि उन्हें इस बार अपने पसंद की जगह ट्रांसफर किया गया है।
दरअसल, विधानसभा के बाहर पुरानी पेंशन बहाली के लिए नारे लगे थे ‘जोइया मामा मनदा नी, कर्चमारी दी शुणदा नी’… इस पर मुख्यमंत्री सहित तमाम भाजपाइयों नगंवार गुजरा र बाद में इन नारों को लगाने वाले 5 शिक्षकों को ट्रांसफर कर दिया। सरकार ने ओम प्रकाश को सिरमौर के हलांह स्कूल से शिमला जिले की ननखड़ी तहसील की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोली के तहत मिडल स्कूल सरोग ट्रांसफर कर दिया था।
इसके विरोध में शिक्षक हाईकोर्ट का रुख कर गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक को राहत देते हुए उन्हें उनके पसंद के स्टेशन में तबादला कर दिया। शिक्षक ने कुपवी के राजकीय उच्च पाठशाला बाग में ज्वाइनिंग दे दी है। तबादला नीति के अनुसार जिसने भी यह समय पूरा कर लिया है, उसे दोबारा ऐसे क्षेत्र में नहीं भेजा जा सकता है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का भी सरकार ने शिमला से चंबा जिला के स्कूल में तबादला किया है। वह भी इसको लेकर कोर्ट गए हैं। सोमवार को उनके मामले पर कोर्ट में सुनवाई होनी है। पुरानी पैंशन बहाली को लेकर विधानसभा के बाहर आयोजित धरने में 15 शिक्षकों के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी ट्रांसफर किए थे। हालांकि ज्यादातर कर्मचारियों को कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।