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बेलगाम महंगाई से जनता त्रस्त, सरकार मूकदर्शक बनी बैठी: विधायक

पी. चंद |

बेलगाम महंगाई का सबसे ज़्यादा असर ग़रीब और मध्यम वर्ग पर पड़ रहा हैं जिस कारण समाज में तेज़ी से असमानता बढ़ती जा रही है। भाजपा की डबल इंजन सरकार जनता को मंहगाई से राहत देने में विफ़ल रही है। 5 महीने पहले हिमाचल व अन्य राज्यों के विधानसभा उप चुनाव में भाजपा को मिली हार के चलते केन्द्र व प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल के दामों में कटौती की थी और उसके बाद से फिर सरकार ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए। ये बात कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर ने कही।

उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल 2014 में पैट्रोलियम पदार्थों में डीज़ल पर केंद्रीय आयात शुल्क 3 रुपए प्रति लीटर व पैट्रोल पर 9 रुपए प्रति लीटर था वही केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार ने 21 अक्तूबर 2021 तक अप्रत्याशित वृद्धि कर पैट्रोल और डीजल दोनों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 32 रुपए प्रति लीटर कर दिया था। वित्तिय वर्ष 2020-21 में केंद्र की भाजपा सरकार ने जनता से पैट्रोलियम पदार्थो पर 4.5 लाख करोड़ वसूलें जो कि अकेले ही सभी स्त्रोतों से अर्जित आय का 28% प्रतिशत हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा कि मकान बनाना बहुत महंगा हो गया है। सरिया, सीमेंट, रेत-बजरी आदि के मूल्यों में एकाएक अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं। गत दो महीनों में सरिया की कीमत में प्रति क्विंटल 30 फीसदी की वृद्धि हुई हैं। गत दो महीने में सरिया के रेट ने करीब 2,000 रुपये की वृद्धि के साथ अपना रिकॉर्ड बनाया है इसके साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में सरिया बहुत ही महंगा मिल रहा हैं। सीमेंट बढ़कर 465 रुपये प्रति बैग तक हो गया हैं। सिलेंडर से लेकर हर चीज़ के दाम बढ़े हैं ऐसे में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही।