हिमाचल के सिरमौर नाहन में देश का पहला रोलिंग बैरियर लग चुका है। इसी कड़ी में अब कई पहाड़ी इलाकों में इस रोलिंग बैरियर को लगाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राष्ट्रीय राजमार्ग 503 पर देहरा से आगे यही रोलिंग बैरियर लगने जा रहे हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग यहां सड़क किनारे रोलिंग क्रैश बैरियर लगा रहा है। इन्हें ढलियारा के पास तीन स्थानों पर सौ-सौ मीटर लंबाई में स्थापित किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन पर करीब सवा दो करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यहां संवेदनील स्थानों पर लग रहे रोलिंग क्रैश बैरियर नुकसान की संभावना लगभग शून्य कर देंगे। अभी तक यह तकनीक विदेश में इस्तेमाल की जाती रही है। नाहन के बाद अब इसे ढलियारा में स्थापित किया जा रहा है। गुजरात के गांधीनगर की एक कंपनी यहां क्रैश बैरियर लगाने का काम कर रही है।
कंपनी के अधिकारी का दावा
दावा है कि रोलिंग सिस्टम से टकराने पर वाहन की गति 55 फीसद तक कम हो जाती है। साथ ही वाहन वापस सड़क की तरफ दिशा बदल लेगा। ऐसे में वाहन के खाई में गिरने की संभावना खत्म हो जाएगी। साथ ही वाहन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम होगी। इस बैरियर की एक मीटर लंबाई पर करीब 73000 रुपये खर्च आता है।
संवेदनशील इलाकों में लगेंगे बैरियर
मुबारिकपुर-रानीताल मार्ग पर स्थित ढलियारा के नजदीक कुछ किलोमीटर का हिस्सा दुर्घटना के हिसाब से अत्यंत संवेदनशील रहा है। आए दिन होने वाले हादसों के मद्देनजर इस स्थान का चुनाव किया गया है। अक्सर बाहर से आने वाले वाहन चालक तीखी ढलान पर स्थित इन मोड़ों का अंदाजा नहीं लगा पाते । इस वजह से वाहन खाई की तरफ लुढ़क जाते हैं।