झारखंड के देवघर में हुए हादसे में करीब 4 दर्जन लोग रात भर ट्रॉली की केबिन और पहाड़ पर अंधेरों में फंसे रहे। सोमवार सुबह एक बार फिर से राहत बचाव कार्य शुरू हुआ। रात में ऊंचाई और अंधेरे की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं हो पाया था। एनडीआरएफ की मदद से सेना ने भी कमान संभाल ली है। मौके पर पहुंचे गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने गृह मंत्री अमित शाह को पूरे हालात की जानकारी दी। उसके बाद सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से फंसे हुए लोगों को निकालने की कवायद जारी है। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग दे रहे हैं।
देवगढ़ के डीसी मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाष चंद्र जाट, तथा एसडीओ दिनेश कुमार यादव समेत पूरा प्रशासनिक अमला त्रिकूट में कैंप कर रहा है। सांसद निशिकांत दुबे भी लगातार त्रिकूट पर्वत में ही बने हुए हैं। सुबह से ट्रॉली की केबिन और पहाड़ पर फंसे हुए लोगों को खाना पानी पहुंचाने की कवायद शुरू हो गई है। जो लोग ऊपर से नीचे लाए जा रहे हैं उन्हें स्थानीय लोग राहत मुहैया करा रहे हैं और एंबुलेंस से उन्हें नजदीकी अस्पताल में भेजा जा रहा है।
जो लोग अभी फंसे हुए हैं उनमें भागलपुर देवघर और मालदा जिले के अधिकांश लोग हैं । कुछ लोगों की पहचान की गई है जिनमें अमित कुमार, जया कुमारी कर्तव्य राम, खुशबू कुमारी भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, तनु कुमारी, डिंपल, अतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरभ दास, छठी लाल साह, विनय दास, नमन कुमार हैं। जानकारी के अनुसार बिहार से भी एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची है और आईटीबीपी की टीम को भी लगाया गया है। देवघर एयरपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक दो हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। फंसे हुए लोगों को खाना पैकेट और पानी के बोतल पहुंचाए जा रहे हैं।
रविवार की शाम को राम नवमी के अवसर पर झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट पर्वत पर बड़ी संख्या में सैलानी जुटे थे और रोपवे का आनंद ले रहे थे। इसी दौरान रोपवे का एक तार टूट गया, उसकी वजह से एक ट्रॉली नीचे गिर गई और चार-पांच ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं। घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई और कई सैलानी घायल हो गए।