बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 की धारा 14 के तहत अवहेलना करने वाले को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और कम से कम 6 महीने की कैद और अधिकतम 2 साल की जेल या दोनों सजाओं का प्रावधान है । यह जानकारी उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया ने बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 को सुचारू एवं कड़ाई से लागू करने हेतु बनाई गई जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में सभी नियोक्ताओं और व्यवसायिओं को आदेश दिए गए है कि वे जोखिम पूर्ण प्रक्रियाओं में बाल एवं किशोर श्रमिकों से काम नलें । उपायुक्त ने लोगों से आग्रह किया कि यदि कोई भी बाल या किशोर श्रमिक किसी भी संस्थान में कार्यरत पाया जाता है तो उसकी तुरन्त सूचना श्रम विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग तथा चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 पर दें ।
14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना जुर्म
उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रमिक जिसने 14 साल की आयु पूरी नहीं की है तथा किशोर श्रमिक जो 18 साल से कम है ऐसे सभी बाल एवं किशोर श्रमिक से जोखिम भरे कार्य करवाना पूरी तरह से कानून का उल्लघंन माना जाएगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त अधिनियम एवं नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए निर्णय लिए गए है जिसके लिए प्रदेश सरकार ने निरीक्षक नियुक्त किए हैं तथा 17 विभागों के अधिकारियों के मासिक प्रगति में लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं।
भाटिया ने कहा कि इस कार्य को करने के लिए नियुक्त अधिकारियों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे तथा बाल श्रम को रोकने के लिए कमेटी व्यवसाय स्थलों तथा प्रक्रियाओं से सम्बन्धित डाटा सम्बन्धित विभाग को उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जिला भर में बाल श्रम को रोकने के लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलायाा जाएगा