पी. चंद। शिमला के अधिकतर क्षेत्रों में सेब के पौधों पर फूल के साथ सेब आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सेब के पेड़ फूलों से लद गए है। अप्रैल माह में गर्मी पड़ने से सेब में अच्छी फ्लॉवेरिंग हुई है। अच्छे सेब के लिए तापमान भी 20 से 22 डिग्री के बीच होना चाहिए। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो इस साल अच्छी सैटिंग के साथ ही सेब की अच्छी फ़सल की उम्मीद भी की जा रही है।
हालांकि हाल ही के दिनों कई क्षेत्रों में मौसम ख़राब होने से ओलावृष्टि ने सेब की फसल को नुकसान भी पहुंचाया है। बावजूद इसके अभी तक शिमला में अच्छी सेब की फसल की उम्मीद की जा रही है। हिमाचल के कुल सेब उत्पादन का 80 फीसदी शिमला जिले में होता है। हिमाचल प्रदेश में सालाना तीन से चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है।
चौपाल के मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पेड़ों में फूलों के साथ सेब भी निकलने लगे हैं। चौपाल में ओलावृष्टि भी नहीं हुई है ऐसे में सेब की अच्छी फ़सल की उम्मीद की जा रही है। बागवानों का कहना है कि आजकल सेब में स्प्रे, तोलिये और खाद डाली जा रही है। अगले तीन माह में सेब तैयार हो जाएगा। यदि मौसम ने साथ दिया और सब कुछ ठीक रहा तो इस बार अच्छी फसल की उम्मीद है। सेब की फसल में रात दिन कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कड़ी मेहनत के बाद यदि ओलावृष्टि या कोई बीमारी लग जाये या फ़िर अच्छे दाम नही मिलें तो उनके हाथ निराशा ही लगती है।
इतने क्षेत्र में पैदा होता है सेब
हिमाचल प्रदेश में 1,10,679 हेक्टेयर क्षेत्र में 7.77 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा किया जाता है। हिमाचल में शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर जिलों में सेब पैदा किया जाता है। हिमाचल के कुल सेब उत्पादन का 80 फीसदी शिमला जिले में होता है। एक अनुमान के अनुसार हिमाचल प्रदेश में बागवानी क्षेत्र से 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में अढ़ाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की जा रही है। अब प्रदेश सरकार की योजना फल कारोबार को 5 हज़ार करोड़ से बढ़ाकर 6 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है।