केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत “किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी” अभियान की शुरुआत करते हुए देश भर के किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत किसानों की आय दोगुनी ही नहीं बल्कि 10 गुना हुई है। कृषि मंत्री ने किसानों की आय में दो से दस गुना तक की वृद्धि होने का आज दावा करते हुए कहा कि ऐसे प्रगतिशील किसानों को गांव गांव में जा कर खेती कर रहे लोगों को जागरुक करना चाहिए जिससे वे भी समृद्ध बने।
तोमर ने ‘‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी ” कार्यक्रम के तहत फसल बीमा पाठशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवीनतम तकनीक और सरकार की कृषि सम्बन्धी योजनाओं से जुड़े किसान समृद्ध हुए हैं और उनके परिवार में तरक्की हुयी है । पिछले पांच छह साल के दौरान ऐसे किसानों की आय दो से दस गुना तक बढी है। उन्होंने कहा कि ये किसान ‘‘कृषि राजदूत ” बन कर गांव गांव में जायें तो खेती की अर्थ व्यवस्था मजबूत हो जायेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि आज किसानों को उनके उत्पादों का बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अच्छी कीमत मिल रही है। गेहूं और सरसों का बेहतर मूल्य मिल रहा है तथा सरसों तेल में मिलावट को रोका गया है जिससे किसान बहुत खुश हैं। सरकार इस प्रकार के अन्य कदम भी उठायेगी जो किसानों के हित में हो।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें से आठ हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इससे भंउारण तथा अन्य सुविधाओं का विकास किया जायेगा। इस मामले में बैंकों का योगदान सराहनीय रहा है।
तोमर ने प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे कृषि लागत कम होगी तथा किसानों के उत्पादों को अच्छा मूल्य मिलेगा। अभी 38 लाख हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती की जा रही है जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से तालमेल बिगड़ने से अनेक समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं। रासायनिक खाद के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं और यदि वे ये उर्वरक देने से मना कर दें तो समस्या उत्पन्न हो जायेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि एक समय देश में खाद्यान्न का अभाव था जिसके लिए हरित क्रांति की शुरुआत की गयी और इसके लिए रासायनिक उर्वरकों का सहारा लिया गया। पंजाब , हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने हरित क्रांति को सफल बनाने में भारी योगदान दिया था। अब देश में जरुरत से अधिक अनाजों की पैदावार होती है और बागवानी फसलों का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है ।