धार्मिक मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा की जाती है. अक्षय तृतीया इस वर्ष मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन ग्रहों के विशेष संयोग के कारण अक्षय तृतीया का महत्व बढ़ जाता है.
अक्षय तृतीया के दिन की जाने वाली पूजा अर्चना से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है. इसलिए पूजा विधि विधान में अक्षय तृतीया के दिन कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना अति आवश्यक है, कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां जिसे आमतौर पर लोग अक्सर करते रहते हैं, उनको ना किया जाए तो महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
अक्षय तृतीया व्रत पूजा में न करें ये गलती
- अक्षय तृतीया के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा करनी चाहिए. इनकी पूजा अलग-अलग बिल्कुल न करें. इससे लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और मनोवांछित परिणाम नहीं मिलता है.
- अक्षय तृतीया के दिन शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पूजा में तुलसी दल का विशेष महत्व है. बिना स्नान किए तुलसी पत्र तोड़कर लाने से वह अपवित्र हो जाती है और उसे मां लक्ष्मी और विष्णु की पूजा में चढ़ाना नहीं चाहिए. अशुभ फलदायी होता है.
- व्रत पूजा के समय विधि विधान से पूजा करते समय कभी भी क्रोध न करें. कोर्ध करने से अनिष्ट होने की संभावना बनी रहती है.
- अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी भी कोने में अंधेरा न होने दें और हर स्थान पर दीपक जलाकर रखें. जिससे आपका घर उजाले से भरा रहे और महालक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहे.
- अक्षय तृतीया के दिन किसी का भी बुरा सोचने से बचें, क्योंकि अगर आप किसी का अनिष्ट सोचते हैं तो आपका विचार उसी तरह से रहता है और आप एकाग्र चित्त होकर के मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा नहीं कर सकेंगे और घर में कलह का वातावरण बना रहेगा.