हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को हमीरपुर पुलिस एक स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से भ्रूण परीक्षण करवाने वाले डॉक्टर और अस्पताल का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने डॉक्टर श्याम बिहारी सहित कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है, जबकि निजी अस्पताल वैद्य हरी मेमोरियल में चल रहे काले धंधे पर से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। इसके अलावा पुलिस ने यूज होने वाली कई मशीनों को भी जब्त कर लिया है।
वहीं, स्टिंग ऑपरेशन में हमीरपुर पुलिस ने पूरी चतुराई दिखाई है और खुद एसआई पूजा ने इस स्टिंग में रोल अदा करके सारे मामले को हिडन कैमरा में इक्टठा किया। मौका देखकर एसआई पूजा ने चुपके से इशारा किया और इन आरोपियों को रंगे हाथ दबोचा।
कैसे हुआ खुलासा…
दरअसल, निजी अस्पताल में एक डॉक्टर भ्रूण परीक्षण के धंधा काफी समय से चला रहा था। इसके लिए डॉक्टर ने अपने कुछ दलाल रखे थे जो उसे उसके पेशंट से मिलाते थे। इस बात का जब पुलिस को जब शिकायत मिली तो पुलिस ने एक कार्यकर्म रचा जिसके तहत सब इंस्पेकर पूजा ने शिकायतकर्ता महिला की भाभी बनकर बिचौलियों तक पहुंची। इस दौरान एसआई के शिकंजे में एक महिला बिचौलिया ट्रैप हो गई और उसने फीस के बारे में बताया। ये सारी कार्रवाई एसआई ने कैमरे में कैद कर ली।
बाद में वे उसके अस्पताल पहुंची जहां बिना दस्तावेजों के फॉर्म भरवाए गए और करीब दो घंटे बाद सेंटर के संचालक आरोपी श्याम बिहारी ने जांच के बारे में बता दिया। जैसी ही जांच रिपोर्ट बताई गई महिला एसआई ने पीसीपीएनडीटी की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सोनोग्राफी मशीन को जब्त कर लिया।
जांच में सामने आया कि 64 वर्षीय श्याम बिहारी पिछले कई साल से गर्भवती महिलाओं की भ्रूण परीक्षण करता था। प्रति जांच के 15 से 20 हजार रुपये खुद लेता था वे बाकी दलालों को बांट देता था। वे इन भरोसेमंद दलालों के माध्यम से ही गर्भवती महिला का भ्रूण परीक्षण करता था।