टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी हिस्स्सेदारी अब वोडाफोन पीएलसी या आदित्य बिरला समूह की नहीं बल्कि भारत सरकार के पास होगी. वोडफोन आइडिया के बोर्ड ने भारत सरकार के बकाये स्पेक्ट्रम के भुगतान की किश्तों और बकाया की पूरी ब्याज राशि को इक्विटी (शेयर) में बदलने पर फैसला लेते हुए इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
वोडाफोन आइडिया के बोर्ड के इस फैसले के बाद सभी शेयरधारकों की हिस्सेदारी कंपनी में घट जाएगी. इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया में भारत सरकार की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी होगी. वहीं कंपनी के प्रोमोटर वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी करीब 28.5 फीसदी और आदित्य बिड़ला की 17.8% रह जाएगी.
वोडाफोन आइडिया ने स्टॉक एक्सचेंजों को सोमवार को हुई उसकी बोर्ड मीटिंग में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी है. स्पेक्ट्रम और एजीआर के बकाये पर ब्याज की कुल रकम यानि नेट प्रेजेंट वैल्यू करीब 16,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिस पर दूरसंचार विभाग की मुहर अभी लेनी बाकी है.
वोडाफोन आइडिया भारत सरकार को 10 रुपये के फेस वैल्यू पर भारत सरकार को शेयरों का आवंटन करेगी. इस पर दूरसंचार विभाग के मुहर लगने के बाद भारत सरकार की वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी 36 फीसदी के करीब होगी जो कंपनी के प्रोमोटर से ज्यादा है.