हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में 150 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में दो उद्दोगपतियों को गिरफ्तार किया है। जबकि 6 उद्योगपतियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। 15 करोड़ के जीएसटी और 150 करोड़ के फर्जीवाड़े में राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रवर्तन कार्यालय दक्षिणी जोन परवाणू की टीम ने इन दोनों उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया है। हिमाचल में फर्जी बिल और टैक्स चोरी के मामले में आबकारी एंव कराधान विभाग ने पहली गिरफ्तारी की है।
विभाग की जांच में पता चला है कि इन उद्योगपतियों ने टैक्सी ड्राइवर, हेल्पर और फैक्टरी कर्मचारी को जाली दस्तावेजों के आधार पर कागजों में मालिक दिखाया था। इन उद्योपतियों ने दिल्ली के कारोबारियों के नाम पर करोड़ों रुपये के कच्चे माल की खरीद कागजों में दिखाई हुई थी। कागजों में दिखाए गए दिल्ली के ट्रेडर्स को समन जारी किए गए थे, लेकिन पता गलत होने पर समन वापस आ गए। इसके बाद विभाग ने दिल्ली में अपने स्तर पर जांच की तो तीन फर्मों का पता चला लेकिन इन फर्मों का पता गलत निकला।
विभाग को 2 पतों पर दुकानें और एक जगह में फार्मास्युटिकल कंपनी मिली है। जांच में पता चला कि एक कंपनी का मालिक टैक्सी चलाता है तो दूसरा एक ट्रेडिंग कंपनी में हेल्पर है तीसरा मालिक भी एक कारखाने का कर्मचारी निकला। इन तीनों को उनके नाम पर बनी फर्मों के बारे में पता तक नहीं था। विभाग के अनुसार, दिल्ली से कालाअंब तक कच्चे माल की ढुलाई कार और बाइक जरिये दिखाई गई है। ट्रांसपोर्टेशन की जीआर भी फर्जी मिली है। इससे स्पष्ट होता है कि फर्जी बिल का यह रैकेट बड़े स्तर पर काम कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा था।
आबकारी एवं कराधान विभाग दक्षिण रेंज के संयुक्त आयुक्त डॉ. सुनील कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस फजीवाड़े को उजागर करने में निरीक्षक रूपेंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई है। दोनों उद्योगपति मंगलवार को अदालत में पेश किए जाएंगे। साथ ही पुरे मामले की जानकारी भी विभाग सांझा करेगा।