<p>बिलासपुर जिला के नयनादेवी क्षेत्र में साल 2017 को हुए अवैध खैर कटान मामले में आखिरकार विजीलैंस विभाग को कामयाबी मिल ही गई तथा विभाग ने इस मामले में वन विभाग के 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। विभाग ने गत दिवस इस अवैध कटान के आरोप में वन विभाग के बीओ और 2 वन रक्षकों को गिरफ्तार किया है। वन विभाग के 3 कर्मचारियों की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार नयनादेवी रेंज में सलोआ, भाखड़ा, बड़ोह, कोट और बस्सी वन बीटों में करीब 25 हजार खैर के पेड़ों का अवैध कटान हुआ है। इस अवैध कटान में काटे गए खैर के पेड़ों की कीमत करोड़ों रुपए में आंकी गई है। इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है तथा फील्ड के कुछ अधिकारी भी विजीलैंस की गिरफ्त में आ सकते हैं</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेजे तीनों वन कर्मी</strong></span></p>
<p>विजीलैंस द्वारा अवैध खैर कटान के आरोप में गिरफ्तार किए गए बीओ तिलक राज, फारैस्ट गार्ड बलवीर और सुनील को विजीलैंस द्वारा अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 4 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। ये तीनों वन कर्मचारी साल 2016-17 को संबंधित बीटों पर तैनात रहे हैं। इनमें से मौजूदा समय बीओ देहरा में तैनात है जबकि फारैस्ट गार्ड भी सोलन जिला में ही तैनात हैं।</p>
<p><span style=”color:#2980b9″><strong>निजी भूमि से कटान के दौरान काटे गए खैर के पेड़</strong></span></p>
<p>जानकारी के अनुसार नयनादेवी क्षेत्र के तहत आने वाली इन बीटों के जंगलों में 10 ईअर फैलिंग के तहत लोगों की निजी भूमि से खैर के पेड़ काटने के ऑर्डर हुए थे। इसकी आड़ में ही खैर के पेड़ों का अवैध कटान हुआ था। जानकारी के अनुसार वन विभाग ने भी इस मामले की छानबीन के लिए मई, 2017 को 4 विभागीय टीमें बनाई थीं और इन टीमों ने मौके का निरीक्षण भी किया था लेकिन मामले में प्रभावशाली लोगों के शामिल होने से मामला आगे नहीं बढ़ पाया था।</p>
<p><span style=”color:#8e44ad”><strong>जनवरी, 2018 को सुर्खियों में आया था मामला</strong></span></p>
<p>यह मामला जनवरी, 2018 को सुर्खियों में आया था। इस मामले की पहली प्राथमिकी फरवरी, 2018 को दर्ज हुई थी। बाद में नयनोदवी क्षेत्र के रामस्वरूप ने इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को की थी जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद मामला विजीलैंस के पास पहुंचा था। विजीलैंस ने इस मामले में जहां जंगलों में जाकर पूरी छानबीन की। वहीं इस मामले में कई चैक पोस्ट, वन कर्मचारियों के घरों के अलावा ठेकेदारों के यहां छापे डालकर अहम साक्ष्य जुटाए। विजीलैंस ने जुटाए साक्ष्यों के आधार पर ही वन विभाग के 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।</p>
<p><span style=”color:#ff0099″><strong>क्या बोले विजीलैंस के अधिकारी</strong></span></p>
<p>इस बारे में विजीलैंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो मंडी के एसपी डॉ. डीके चौधरी ने बताया कि 3 वन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें अदालत ने 4 सितम्बर तक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, डीएफओ बिलासपुर सरोज भाई पटेल ने बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि तीनों मौजूदा समय बिलासपुर जिला में तैनात नहीं हैं।</p>
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