छुआछुत का पारंपरिक दोष आज भी हमारे समाज में कायम है और इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। दलित उत्पीड़न की घटनाएं भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही रही हैं। यह घोर त्रासदी है कि आज भी समाज में गैर-बराबरी, सामाजिक भेद-भाव, छूआ-छूत और जाति का अहंकार है। देश के अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी दलितों के साथ भेदभाव अभी भी जारी है। नाहन के शिलाई में मारपीट और जातीय आधार पर छूआछूत का एक मामला सामने आया है। पुलिस को सौंपी शिकायत में दलित जाति से संबंध रखने वाले एक युवक ने स्वर्ण जाति के युवकों पर शादी की धाम से उठाकर अलग बिठाने और मारपीट के आरोप लगाए हैं।
शिलाई के कलोग निवासी भरत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि 10 जुलाई को वह लड़की वालों की तरफ से कांडो भटनोल पंचायत के डाका गांव में शादी समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान ऊंची जाति के कुछ युवकों ने उन्हें जाति सूचक शब्द कहे। शादी समारोह में रात के समय उनका पीछा भी किया गया।
मामला 11 जुलाई का है जब दोपहर के समय जब खाना खाने टैंट में बैठे तो उन्हें धाम के बीच से उठने के लिए कहा गया। जब इसका विरोध किया गया तो आरोपियों ने उसके साथ-साथ जगदीश और दिनेश पर हमला कर दिया। इससे उन्हें भारी चोटें आई हैं। इस पर शिलाई पुलिस ने एससी/एसटी अधिनियम 2015 और आईपीसी की धारा 323 और 34 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।